राष्ट्रपति ने की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के सफल कार्यन्वयन के लिए मनोहर सरकार की सराहना ।
राष्ट्रपति ने आशा वर्कर्स, एनएनएम, डॉक्टरों और खिलाड़ियों से किया सीधा संवाद ।
राष्ट्रपति ने समाज से किया आह्वान, बेटियां शक्ति स्वरूप, परिवार और समाज को बेटियों को आगे बढा़ने में करना चाहिए सहयोग
न्यूजडेक्स संवाददाता –
चंडीगढ़, 30 नवंबर – भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बेटियां शक्ति का स्वरूप हैं। परिवार और समाज को सदैव बेटियों को आगे बढा़ने में सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा की बेटियों की ऊर्जा और दमखम को आज खेल के माध्यम से पूरी दुनिया ने देखा है। यही संदेश समाज में देने के लिए हम सभी को बेटियों को सशक्त बनाना चाहिए।
राष्ट्रपति ने यह आह्वान आज हरियाणा राजभवन, चंडीगढ़ में आशा वर्कर्स, एनएनएम, डॉक्टरों और खिलाड़ियों से सीधा संवाद करते हुए किया। इस अवसर पर हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की गरिमामयी उपस्थिति रही।
राष्ट्रपति ने राज्यपाल और मुख्यमंत्री को हरियाणा में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि आज यहां आई सभी बेटियों से संवाद करके बेहद खुशी हुई है कि कैसे हरियाणा की बेटियां आज आगे बढ़ रही हैं। भविष्य में भी सरकार इस प्रकार के प्रयासों को निरंतर जारी रखे।
उन्होंने कहा कि पुरुष और महिलाएं साथ चलेंगे तो परिवार, समाज और देश आगे बढ़ेगा। हालांकि, महिलाओं को अपने जीवन में पुरुषों के मुकाबले अधिक चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए परिवार, समाज और सरकार का यह दायित्व बनता है कि वे बेटियों को आगे बढ़ाएं और उन्हें सशक्त बनाएं।
द्रौपदी मुर्मू ने डॉक्टरों, आशा वर्कर्स और एएनएम से सीधा संवाद करते हुए उनसे बेटी बचाओ – बेटी पढ़ाओ अभियान के कार्यान्वयन और इस दौरान आई कठिनाईयों से जुड़े अनुभवों को जाना। संवाद के दौरान एक डॉक्टर ने बताया कि वर्ष 2015 में पानीपत से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अभियान की शुरुआत की थी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस अभियान के लिए अलग से एक सेल का गठन किया था। मुख्यमंत्री ने सख्त कार्रवाई करने और व्यापक जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए थे। उनके मार्गदर्शन में हमने लिंग जांच करने वालों पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की और ऐसे लोगों को सलाखों के पीछे भेजा।
अल्ट्रासाउंड केंद्र में लोगों को लिंग जांच करते हुए पकड़ा और उन्हें गिरफ्तार किया गया। यह पूरे हरियाणा में पहला मामला था जब लिंग जांच के मामले में कोई गिरफ्तारी हुई हो। यह सब मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन से ही संभव हुआ। इसी प्रकार, गांवों में दायी के माध्यम से किया जाने वाले गर्भपात को भी रोका गया और उन पर भी सख्त कार्रवाई कर यह संदेश दिया कि अब हरियाणा में इस प्रकार का घृणत कार्य नहीं करने दिया जाएगा।
एक आशा वर्कर ने राष्ट्रपति को बताया कि किस प्रकार वे 2015 से ही इस अभियान से जुड़ी हैं और लिंग जांच से जुड़ी 19 रेड में शामिल रही हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने अपने पड़ोस में ही भ्रूण हत्या किये जाने के एक मामले की जानकारी अपनी टीम को दी और टीम ने मौके पर पहुंच कर उचित कर्रवाई की।