भजन गायिका प्रियंका चौधरी की प्रस्तुतियों से माहौल हुआ भक्तिमय
मुख्यातिथि राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने किया कार्यक्रम का शुभारंभ
गीता में मन के द्वंदो का है वर्णन – रामचंद्र जांगड़ा
वर्तमान में देश की एकता व अखंडता की मजबूती के लिए गीता के संदेश की नितांत आवश्यकता
गीता का संदेश आज भी है प्रासंगिक
न्यूज़डेक्स संवाददाता –
रोहतक – गीता जयंती महोत्सव के प्रथम दिन के सांयकालीन सत्र में प्रख्यात भजन गायिका प्रियंका चौधरी ने देशभक्ति व बाबा श्याम के भजनों से दर्शकों को घंटो झूमने पर मजबूर किया। कार्यक्रम के मुख्यातिथि राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। सूचना, जनसम्पर्क एवं भाषा विभाग की अनुबंधित सांस्कृतिक मंडलियों ने कृष्ण लीला के अलावा हरियाणा की समृद्घ संस्कृति की झलक बिखेरती भव्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।
गीता जयंती महोत्सव के प्रथम दिन के सांयकालीन सत्र में स्थानीय पंडित श्रीराम शर्मा रंगशाला भक्तिरस में सराबोर नजर आई। कार्यक्रम के मुख्यातिथ राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि गीता में मन के द्वंदो को दर्शाया गया है। मोह के एक सौ रूप है तथा शरीर में 7 आध्यात्मिक चक्र है, 5 ज्ञानंद्रिया, 5 कर्मेंद्रियां व 11वां मन है। उन्होंने कहा कि यदि हम इन 11 पर काबू रखें तो यही एकादशी के व्रत के सम्मान है। उन्होंने महाभारत के सभी पात्रों का विस्तृत वर्णन भी दिया। उन्होंने कहा कि गीता में कहा गया है कि सुख-दुख में व्यक्ति विचलित न हो। प्राणी से प्रेम करने का संदेश भी दिया गया है। श्रीकृष्ण आत्मा का रूप है। गीता सत्य व सनातन की बात करती है तथा सभी धर्म ग्रंथों का एक ही उपदेश है। धर्म कभी कमजोर नहीं होता। किसी की परछाई से कोई व्यक्ति अपवित्र नहीं होता है। देश की एकता व अखंडता को मजबूत करने के लिए वर्तमान समय में गीता के ज्ञान की बहुत जरूरत है और गीता का सार वर्तमान समय में प्रासंगिक है। गीता में निस्वार्थ भाव से कर्म करने का संदेश दिया गया है। ज्ञान के समान विश्व में कोई अन्य वस्तु नहीं है। अतिरिक्त उपायुक्त महेंद्रपाल ने राज्यसभा सांसद को गीता की पुस्तक व स्मृतिचिन्ह भेंट किया।