हास्य कवि सम्मेलन में जयराम विद्यापीठ में खचाखच भरा पंडाल
जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव पर 31 वर्षों से आयोजित हो रहा है हास्य कवि सम्मेलन
हास्य कवियों ने देश की राजनीति के साथ भ्रष्टाचार और मानवीय संबंधों पर किए कठोर कटाक्ष
विद्यापीठ में कोरोना काल की परिस्थितियों और बीते समय पर भी हुए कटाक्ष
जयराम विद्यापीठ में आयोजित हुआ विशाल हास्य कवि सम्मेलन
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र।गीता जयंती महोत्सव के अवसर पिछले 31 वर्षों से हर वर्ष भव्य हास्य कवि सम्मेलन आयोजित किया जाया है। इस वर्ष भी गीता जयंती 2022 पर जयराम विद्यापीठ परिसर में श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में कवियों ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं के दिलों को खूब गुदगुदाया। विद्यापीठ में आयोजित हास्य कवि सम्मेलन में पंडाल लोगों से खचाखच भरा रहा। मध्य रात्रि तक चले हास्य कवि सम्मेलन में देश के कवियों में सुरेंद्र शर्मा, अरुण जैमिनी, डा. सीता सागर, चिराग जैन तथा अनिल अग्रवंशी ने अपनी काव्य रचनाओं की प्रस्तुति दी। कवि सम्मेलन में कुरुक्षेत्र के उभरते युवा कवि वीरेंद्र राठौर ने भी अपनी रचना प्रस्तुत की।
इस मौके पर हास्य कवि सम्मेलन में श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के साथ विद्यापीठ में भागवत कथा कर रहे भागवत भास्कर आचार्य श्याम भाई ठाकर, जयराम संस्थाओं के प्रमुख ट्रस्टी राजेन्द्र गुप्ता, राजेंद्र सिंगला, कुसुम लत्ता कौशिक, सोनी मिश्रा, सेवा निवृत आयुक्त टी के शर्मा सहित खचाखच भरे पण्डाल में हजारों की संख्या में श्रोता मौजूद थे। हास्य कवियों का विधिवत स्वागत किया गया। हास्य कवि सम्मेलन का मंच संचालन युवा कवि चिराग जैन ने किया। हास्य कवि अनिल अग्रवंशी ने तो अपनी रचनाओं में ठेठ हरियाणवी अंदाज में जहां सामाजिक एवं राजनितिक परिस्थितियों में कटाक्ष किए वहीं गीता की महत्ता पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि किसी को हंसाने की कला ही जीवन की वास्तविक कला है। आज जीवन में तनाव तो कहीं से भी ले लो। अनिल अग्रवंशी ने आज के बच्चों की स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की कि 90 प्रतिशत नंबर लेकर भी बच्चे तनाव में हैं और आत्म हत्या कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि बेटियों को ही बेटा मान लो तो इतिहास रच देंगी। युवा कवि चिराग जैन ने भी अपनी रचनाओं जहां आज के पति पत्नी के संबंधों पर कटाक्ष किए वहीं वर्तमान लोकतंत्र व्यवस्था पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने मानवीय भावनाओं पर कहा कि परम्पराओं को तो अनदेखा कर सकते हैं लेकिन प्रेम संबंधों को नहीं। समय के साथ प्रेम के अर्थ बदल रहे हैं। रचना में कहा लड़कियाँ खेलने की चीज नहीं है। महिला कवियत्री डा. सीता सागर ने बहुत ही मार्मिक रचनाएँ प्रस्तुत की। उन्होंने दिल, आत्मा और भगवान से संबंधों को बहुत ही सुंदर अंदाज में प्रस्तुत किया। महिला भावनाओं को रचना में बेहतरीन एवं दिल को छू जाने वाले अंदाज में प्रदर्शित किया। हरियाणा के विख्यात कवि अरुण जैमिनी ने तो कोरोना काल में हास्य कवियों की स्थिति से अपनी रचनाओं की शुरुआत की। उन्होंने हरियाणवी प्रेम की भावनाओं को भी अपने अंदाज में प्रस्तुत किया। मोबाइल युग के आशिक प्रेम को क्या जानें। विख्यात हास्य कवि सुरेंद्र शर्मा ने तो मनुष्य जीवन की आयु से अपनी रचनाओं की शुरुआत की। 90 साल का जीवन जीने से अच्छा है कि 40 साल का सार्थक जीवन जिया जाए।
उन्होंने अपने चिर परिचित अंदाज में पति पत्नी संबंधों पर भी कई कटाक्ष किए। उन्होंने अपनी रचना में कहा कि आज जरूरत है कि शहर का आदमी वापिस लौट कर गांव आए। आज की राजनीतिक स्थिति पर कहा कि अच्छे आदमी को वोट देते तो राजनीतिक पार्टियां हारती। अच्छे व्यक्ति चुनाव जीतते तो देश कभी नहीं हारता। आज समाज में सकारात्मक जिंदगी की आवश्यकता है। सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि आज एक मंदिर बनाने की आवश्यकता नहीं पूरे देश को मंदिर बनाए जाने की आवश्यकता है। भारत पाक संबंधों पर भी कटाक्ष किए। हास्य कवि सम्मेलन में कथावाचक आचार्य श्याम भाई ठाकर ने भी खूब आनंद लिया। इस मौके पर कुलवंत सैनी, राजेंद्र सिंघल, पवन गर्ग, खरैती लाल सिंगला, के के कौशिक, टेक सिंह लौहार माजरा, राजेश सिंगला, जयपाल शर्मा, सुनील गौरी, सुभाष नरूला, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, राजेश शास्त्री, रवि शर्मा इत्यादि भी मौजूद थे।