जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी अपने पूज्य गुरु ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी के संकल्प को निरंतरता प्रदान कर रहे हैं : महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद
जयराम विद्यापीठ में परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी एवं महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराजा ने देश प्रदेश वासियों को गीता जयंती की दी शुभकामनाएं
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। गीता जयंती महोत्सव 2022 के अवसर पर रविवार को जयराम विद्यापीठ में पहुंचे महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज का श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने विधिवत स्वागत किया। साथ ही परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी एवं महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराजा ने भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से उत्पन्न पावन गीता की जन्मस्थली धर्मनगरी कुरुक्षेत्र वासियों एवं देश प्रदेश वासियों को गीता जयंती की दी शुभकामनाएं दी। महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि श्री जयराम विद्यापीठ के संस्थापक पूज्य ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी के संकल्प एवं वर्षों पहले कुरुक्षेत्र की धरती पर किए गीता जयंती महोत्सव के बीजारोपण को ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी विशाल वृक्ष के रूप में साकार कर रहे हैं। ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी ने गीता जयंती की यात्रा शुरू की थी। आज यह यात्रा भव्य रूप ले रही है।
महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि आज गीता जयंती के दिन जयराम विद्यापीठ में चल रही श्रीमद भागवत कथा के अवसर पर व्यासपीठ पर उन्हें आने का सौभाग्य मिला। इस मौके पर उन्होंने व्यासपीठ पर नमन करने के उपरांत कथावाचक आचार्य श्याम भाई ठाकर का सम्मान भी किया। उन्होंने कहा कि विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव पर श्रद्धालुओं को एक सप्ताह से श्रीमद भागवत कथा श्रवण का पावन अवसर मिला है। महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि विख्यात कथावाचक रमेश भाई ओझा देश विदेश में श्रीमद भागवत कथा का प्रचार प्रसार कर रहे हैं। विद्यापीठ में कथा कर रहे आचार्य श्याम भाई ठाकर उन्हीं के परम शिष्य एवं कृपा पात्र हैं। उन्होंने जिस सहज भाव एवं सौम्यता से एक सप्ताह से श्रीमद भागवत कथा की यह निश्चय ही गीता जयंती के अवसर पर सौभाग्यशाली अवसर है। यह जीवन की दिव्यता है। महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने बताया कि श्रीमद भागवत कथा ही गीता की सबसे सरस व्याख्या है। जो बात गीता में सार रूप में कही गई है, वही बात श्रीमद भागवत कथा में विस्तार रूप में कही गई है। जयराम विद्यापीठ से सभी जन जन को गीता जयंती की शुभकामनाएं।
महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने अपने परम पूज्य गुरु ब्रह्मलीन देवेंद्र स्वरूप ब्रह्मचारी के संकल्प को निरंतरता ही नहीं प्रदान की बल्कि उसका आगे सम्पोषण एवं संवर्धन भी कर रहे हैं। विद्यापीठ में पिछले 32 वर्षों से गीता जयंती महोत्सव को भव्य रूप आयोजित कर रहे हैं। इस मौके पर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज का आभार व्यक्त किया एवं सम्मान किया। इस मौके पर मंच संचालन जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने किया। इस अवसर श्री जयराम शिक्षण संस्थान के उपाध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त आयुक्त टी.के. शर्मा, के.के. कौशिक, खरैती लाल सिंगला, टेक सिंह, सुनील गर्ग, राजेंद्र सिंघल, कुलवंत सैनी, ईश्वर गुप्ता, श्रवण गुप्ता, विजय गर्ग, विनय गुप्ता, अशोक गर्ग, कपिल मित्तल, संजीव गर्ग, जयपाल शर्मा, मनमुदित नारायण शुक्ल, सुभाष नरूला, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक, रणबीर भारद्वाज एवं राजेश प्रसाद लेखवार इत्यादि भी मौजूद रहे।