एडवोकेट ने बार कौंसिल और हाईकोर्ट चुनाव समिति को याचिका भेज अपील की
न्यूज डेक्स हरियाणा
चंडीगढ़। आगामी शुक्रवार 16 सितम्बर को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, यूटी चंडीगढ़, पंजाब एवं हरियाणा दोनों राज्यों की सभी जिला बार एसोसिएशनों और उपमंडल बार एसोसिएशनों में सम्बंधित बार एसोसिएशन के प्रधान, उप-प्रधान, सचिव, संयुक्त सचिव, कोषाध्यक्ष और कार्यकारिणी सदस्यों आदि पदों के निर्वाचन हेतु मतदान करवाया जाएगा। इसी बीच स्थानीय निवासी एवं हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने आज पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट बार एसोसिएशन चुनावों के लिए विशेष तौर पर गठित चुनाव समिति के चेयरमैन और सीनियर एडवोकेट बीएस राणा और साथ साथ पंजाब एवं हरियाणा बार कौंसिल के चेयरमैन सुवीर सिद्धू एवं कौंसिल के सभी सदस्यों को एक लिखित अपील कम अभिवेदन याचिका भेजकर आग्रह किया है कि उपरोक्त चुनावों के मतदान के लिए वकीलों को मिलने वाले बैलट पेपर में नोटा (NOTA ) का भी विकल्प शामिल किया जाना चाहिए।
हेमंत ने भारत देश के संविधान के अनुच्छेद 19 (1 ) (ए) का हवाला देते हुए, जो हर नागरिक को वाक्-स्वातंत्र्य और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य का मौलिक अधिकार देता है एवं साथ सितम्बर, 2013 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पी.यू.सी.एल. बनाम भारत सरकार में दिए गए ऐतिहासिक निर्णय का सन्दर्भ देकर अपील की है कि जिसके आधार पर सुप्रीम कोर्ट के उक्त निर्णय के बाद एमपी/एमएलए के चुनावों हेतु मतदान में चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के नामों के साथ साथ नोटा का विकल्प का बटन भी हर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ) पर दिया जाता है एवं अगर किसी मतदाता को चुनाव लड़ रहा कोई भी उम्मीदवार पसंद न आये, तो वह नोटा का बटन दबाकर सभी उम्मीदवारों के विरूद्ध अपना विरोध जाता सकता है, इसी प्रकार बार एसोसिएशन चुनावों में भी हर बैलट पेपर पर नोटा का विकल्प दिया जाना चाहिए। हेमंत का कहना है कि हालांकि अगर किसी वकील मतदाता को बार एसोसिएशन के विभिन्न पदों हेतु चुनाव लड़ रहे कोई या सभी उम्मीदवार पसंद नहीं है, तो या तो वह वकील वोट डालने ही न जाए या फिर वोट डालने जाए परन्तु बैलट पेपर को खाली छोड़ सकता है हालांकि इसके बावजूद बढ़िया यह होगा अगर बैलट पेपर पर नोटा का विकल्प दिया जाए ताकि वह सीधे स्पष्ट रूप से चुनाव लड़ रहे सभी उम्मीदवारों की उम्मीदवारी के विरूद्ध नोटा के पक्ष में अपना मतदान कर अपना विरोध जता सके।