वित्त ट्रैक, जी-20 प्रक्रिया में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है और यह वैश्विक आर्थिक संवाद और नीति समन्वय के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करता है
लगभग 40 बैठकों की श्रृंखला के माध्यम से, भारत “ग्लोबल साउथ” के मुद्दों को बढ़ावा देगा, “एकसूत्रता” की भावना को प्रोत्साहित करेगा और समन्वित कार्रवाई को आगे बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभाएगा
भारत का लक्ष्य “वसुधैव कुटुम्बकम” की थीम के माध्यम से वैश्विक प्राथमिकताओं पर एक सर्वमान्य कार्यदिशा को अंतिम रूप देना है
न्यूज़ डेक्स इंडिया –
नई दिल्ली। 20 वित्त और केंद्रीय बैंकों के उप-प्रमुखों (एफसीबीडी) की पहली बैठक 13-15 दिसंबर 2022 के दौरान बेंगलुरु में आयोजित की जाएगी। यह बैठक, जो भारतीय जी-20 अध्यक्षता के अंतर्गत वित्त ट्रैक एजेंडे पर चर्चा की शुरुआत को रेखांकित करेगी, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित की जाएगी।
जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के नेतृत्व में जी-20 वित्त ट्रैक, आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर केंद्रित है। यह वैश्विक आर्थिक संवाद और नीति समन्वय के लिए एक प्रभावी मंच प्रदान करता है। वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की पहली बैठक 23-25 फरवरी, 2023 के दौरान बेंगलुरु में आयोजित की जाएगी।
माननीय प्रधानमंत्री ने बाली जी-20 शिखर सम्मेलन के अपने संबोधन में कहा था कि आज आवश्यकता इस बात की है कि विकास के लाभ सार्वभौमिक और सर्व-समावेशी हों। वित्त मंत्रालय ने इस विचार को जी-20 वित्त ट्रैक एजेंडे में शामिल किया है। उन्होंने हमें एक विज़न भी दिया है- भारत यह सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि जी-20, अगले एक साल में नए विचारों की परिकल्पना करने और सामूहिक कार्रवाई में तेजी लाने के लिए एक वैश्विक “सर्वाधिक प्रमुख शक्ति” के रूप में कार्य करे।
जी-20 वित्त और केंद्रीय बैंक के उप-प्रमुखों की आगामी बैठक की सह-अध्यक्षता, श्री अजय सेठ, सचिव, आर्थिक कार्य विभाग और डॉ. माइकल डी. पात्रा, डिप्टी गवर्नर, आरबीआई द्वारा की जाएगी। इस दो दिवसीय बैठक में उनके जी-20 सदस्य देशों के समकक्ष और कई अन्य देशों तथा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के समकक्ष भाग लेंगे, जिन्हें भारत द्वारा आमंत्रित किया गया है।
जी-20 वित्त ट्रैक के तहत वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रमुख प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा होगी, जिनमें वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संरचना, अवसंरचना विकास और वित्तपोषण, सतत वित्त, वैश्विक स्वास्थ्य, अंतर्राष्ट्रीय कराधान और वित्तीय समावेशन सहित वित्तीय क्षेत्र के विषय शामिल हैं।