Thursday, November 21, 2024
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प्रदेश में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में नहीं होगा बर्दाश्त – मुख्य सचिव

by Newz Dex
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वर्ष 2018 से अब तक लंबित मामलों को जल्द निपटाएं अधिकारी और सरकार को रिपोर्ट सौंपे- संजीव कौशल

राज्य सरकार विजिलेंस विभाग को कर रही मजबूत, सीवीओ और डिप्टी सीवीओ किए जाएंगे नियुक्त – मुख्य सचिव

राज्य सरकार का ध्येय भ्रष्टाचार को खत्म करना, इसके लिए सभी विभागों को करने होंगे अथक प्रयास

न्यूज डेक्स संवाददाता-

चंडीगढ़ । हरियाणा के मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि प्रदेश में भ्रष्टाचार किसी भी सूरत में बर्दाशत नहीं किया जाएगा। इसके लिए सरकार राज्य सतर्कता ब्यूरो को मजबूत कर रही है। विभागों में मामलों की जांच के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) भी नियुक्त किये जाने की प्रक्रिया चल रही है। इतना ही नहीं, जिन विभागों में ऐसे मामले लंबित पड़े हैं, उन पर विभाग जल्द से जल्द कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। श्री कौशल ने कहा कि वर्ष 2018 से अब तक ऐसे मामले, जिनकी जांच केवल सीवीओ से ही करवानी अनिवार्य होती है, से संबंधित विभिन्न विभागों में 195 मामले लंबित हैं। इसके अलावा, विजिलेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर संबंधित विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में 118 मामले लंबित हैं। सभी विभाग ऐसे मामलों पर अपने स्तर पर जल्द से जल्द कार्रवाई करना सुनिश्चित करें और सरकार को रिपोर्ट सौंपे और वर्ष 2018 के लंबित मामलों को पहले निपटाएं।

संजीव कौशल ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि विजिलेंस की ओर से 4 प्रकार की शिकायतें विभागों को भेजी जाती हैं। पहली- वे शिकायतें, जिन पर संबंधित विभाग के प्रशासनिक सचिव मामले की गंभीरता के अनुरूप कार्रवाई करने का निर्णय ले सकते हैं। दूसरी- ऐसे मामले, जिनकी जांच केवल सीवीओ से ही करवानी अनिवार्य होती है। तीसरी- विभागीय स्तर पर मामलों की जांच के मामले में की जाने वाली र्कारवाई की एक्शन टेकन रिपोर्ट भेजना। चौथी- विजिलेंस ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर सतर्कता विभाग की स्वीकृति के पश्चात ‌संबंधित विभाग द्वारा की जाने वाली कार्रवाई। ऐसे सभी श्रेणियों में विभागीय अधिकारी अपने स्तर पर त्वरित कार्रवाई करना जारी रखें।

मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ मामलों में राज्य सतर्कता ब्यूरो की जो रिपोर्ट आती है, उस रिपोर्ट के आधार पर विभागों को आगामी कार्रवाई जैसे विभागीय कार्रवाई, जुर्माना लगाना इत्यादि सुनि‌श्चित करनी होती है। चूंकि, एसवीबी की रिपोर्ट सतर्कता विभाग व मुख्यमंत्री से अनुमोदित होती हैं, इसलिए ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई किया जाना सुनिश्चित किया जाए।

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