न्यूज़ डेक्स संवाददाता-
जयपुर । राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा संवादात्मक सत्र का बुधवार को जयपुर स्थित होटल में आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति जी.के. व्यास ने महात्मा गांधी के सिद्धांत ‘मानव की मानवता, मानव होने में नहीं, मानवीय होने में है’ पर जोर देते हुए कहा कि राजस्थान राज्य मानवाधिकार आयोग द्वारा मानव अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में राजस्थान सरकार का योगदान सराहनीय है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की है। राज्य में चिरंजीवी स्वास्थ्य योजना के तहत निःशुल्क ईलाज उपलब्ध करवाया जा रहा है, इंदिरा रसोई योजना के तहत लोगों को आसानी से पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है।
न्यायमूर्ति व्यास ने इस दौरान आयोग की त्रैमासिक पत्रिका के मुख्य पृष्ठ पर इंदिरा रसोई में सपत्नीक भोजन करते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के छायाचित्र को इंगित करते हुए विदेशी गणमान्यगण को कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसा करके मानवता का परिचय दिया है।
मानवाधिकार आयोग के सदस्य श्री महेश गोयल ने सत्र को संबोधित करते हुए विश्व और भारत में मानवाधिकारों से संबंधित इतिहास की जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि 36 वें अंतर्राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को राजस्थान विधानसभा व संसदीय अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सहयोग से राज्य मानवाधिकार आयोग ने आयोजित किया, जिसमें 17 देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम में राजस्थान विधानसभा के सचिव महावीर प्रसाद शर्मा, महात्मा गांधी शासन और सामाजिक विज्ञान संस्थान के निदेशक बी.एम. शर्मा व संयम लोधा, डॉ. प्रशाखा माथुर (आई.पी.एस.) एवं शेलेन्द्र व्यास (रजिस्ट्रार-एसएचआरसी) उपस्थित रहे।