सरबंसदानी की कुर्बानी को याद कर संगत ने नवाया शीश
सरबंसदानी और साहिबजादों से ले प्रेरणा : हरभजन सिंह मसाना
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। साहिब-ए-कमाल श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के प्रकाश उत्सव को समर्पित महान नगर कीर्तन ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही दसवीं से सजाया गया। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज की छत्रछाया में सजाए गए महान नगर कीर्तन की अगुवाई पांपरिक वेशभूषा में सजे पंज प्यारों ने की। इस दौरान फूलों से सजी श्री पालकी साहिब में विराजमान श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के समक्ष शीश नवाने के लिए संगत की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। नगर कीर्तन के शुभारंभ से पहले ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी के हैड ग्रंथी भाई गुरदास सिंह ने गुरु चरणों में अरदास की।
शुभारंभ अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के मैंबर जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना, धर्म प्रचार कमेटी मैंबर तजिंदरपाल सिंह लाडवा, हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी की कार्यकारिणी समिति मैंबर बीबी रविंदर कौर, शिरोमणि अकाली दल हरियाणा के पूर्व प्रदेश प्रवकता एवं हरियाणा सिख परिवार के प्रदेशाध्यक्ष कवलजीत ङ्क्षसह अजराना, सब ऑफिस सचिव डॉ परमजीत सिंह सरोहा, इंटर्नल एडिटर बेअंत सिंह, लीगल सहायक राजपाल सिंह, मैनेजर अमरिंदर सिंह, राजेंदर सिंह सोढी, जरनैल सिंह बोढी, जज सिंह, सुखविंदर सिंह ने भी विशेष रूप से हाजिरी भरी। मैनेजर अमरिंदर सिंह ने सभी अतिथिगणों को सिरोपा भेंट कर उनका अभिनंदन किया।
नगर कीर्तन के आगे-आगे संगत ने सफाई करते हुए जल का छिडक़ाव कर सेवा की। जगह-जगह संगत ने स्टाल लगाकर फल, बै्रड पकौड़े व चाय की सेवा करते हुए पुण्य कमाया। यह नगर कीर्तन गुरुद्वारा साहिब पातशाही दसवीं से शुरु होकर बिरला मंदिर, शास्त्री मार्किट, मौती चौंक, शेख चहेली मकबरा, झांसा रोड, किला तेज प्रताप सिंह, रोटरी चौंक, गुलजारी लाल नंदा मार्ग, कुटिया वाली गली, रेलवे रोड से होकर ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिब पातशाही छठी में पहुंचा। यहां पहुंचने पर संगत ने आतिशबाजी और पुष्प वर्षा से महान नगर कीर्तन का अभिनंदन किया।
मानव जाति को गुरबाणी दिखाती है सद्मार्ग : जत्थेदार हरभजन सिंह
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के मैंबर जत्थेदार हरभजन सिंह मसाना ने कहा कि सरबंसदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज ने देश, कौम और धर्म के लिए अपना परिवार न्यौछावर कर दिया। उनके चारों साहिबजादों ने अपने पिता द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए जीवन बलिदान कर दुनिया के लिए अनोखी मिसाल पेश की। इसलिए हमें गुरु साहिब और उनके साहिबजादों के जीवन से प्रेरणा लेकर जिंदगी में आगे बढऩा चाहिए। इसके अलावा बच्चों को ऐतिहासिक स्थलों का भी भ्रमण करवाते हुए उन्हें गुरु इतिहास से अवगत कराना चाहिए, कयोंकि इससे बच्चें न केवल उत्साहित, बल्कि प्रेरित भी होते हैं। जत्थेदार मसाना ने कहा कि गुरबाणी मानव जाति को सद्मार्ग दिखाती है। जीवन की हर समस्या का समाधान गुरबाणी में मिलता है, जरुरत है बस सच्ची श्रद्धा से सिमरन करने की। उन्होंने संगत से आह्वान किया कि वे अपने बच्चों को गुरु इतिहास और गुरबाणी से जोड़ें, ताकि भविष्य में वे आदर्श नागरिक रूप में देश और कौम के लिए उन्नति का मार्ग प्रशस्त करने में सफल हों।