ईशरगढ़ की पुरातन बावड़ी को भी धरोहर के रुप में किया जाएगा विकसित
करीब 500 साल पुराना है बावड़ी का इतिहास
लक्खी राय वंजारा के नाम से जानी जाती थी बावड़ी
पर्यटन की सम्भावना के रुप में किया जाएगा बावड़ी का जीर्णोद्घार
न्यूज़ डेक्स संवाददाता –
कुरुक्षेत्र । हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि गांव ईशरगढ़ में जीटी रोड़ से सिर्फ 200 मीटर दूर स्थित पुरातन बावड़ी को एक धरोहर के रुप में विकसित करने का काम किया जाएगा। इस बावड़ी को पर्यटन की दृष्टिï से विकसित करने के लिए इसका जीर्णोद्घार करने का काम भी किया जाएगा। सरस्वती नदी के क्षेत्र में स्थित इस बावड़ी का अपना एक अलग ही इतिहास है। अहम पहलू यह है कि इस बावड़ी के पास ही बाबा लक्खी शाह वंजारा का स्मारक और सराय का निर्माण भी किया जाएगा।
उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच बुधवार को गांव ईशरगढ़ में स्थित पुरातन बावड़ी पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इससे पहले उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच व गांव गणमान्य लोगों ने बावड़ी के बारीकि से निरीक्षण किया और इसके बारे में प्रचलित किवदंती को लेकर चर्चा भी की है। उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच ने कहा कि इस बावड़ी का बहुत प्राचीन इतिहास है और ग्रंथों व प्रचलित किवदंतियों के अनुसार यह बावड़ी करीब 500 साल पुरानी है। इस बावड़ी को लक्खी शाह वंजारा की बावड़ी के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि व्यापार के लिए दूर दराज के क्षेत्रों में जाते समय लक्खी शाह वंजारा सरस्वती नदी के इस क्षेत्र में रुका करता था। इस दौरान ही लक्खी शाह वंजारा द्वारा ही बावड़ी का निर्माण किया गया था। प्राचीन काल में सरस्वती नदी का बहाव क्षेत्र बहुत विशाल था, इसलिए लक्खी शाह वंजारा द्वारा सरस्वती नदी के तट पर इस बावड़ी का निर्माण किया गया। इस बावड़ी की प्राचीन इंटों और बनावट को देखकर भी इसके काफी पुरानी बावड़ी होने के प्रमाण मिलते है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का निरतंर प्रयास है कि सभी ऐतिहासिक और प्राचीन तीर्थों और स्थानों को एक धरोहर के रुप में विकसित किया जाए और सरकार अपने इसी विजन को लेकर कार्य भी कर रही है। जहां सरस्वती नदी को फिर से धरातल पर लाने के प्रयास किए जा रहें, वहीं सरस्वती नदी के तट पर स्थित प्राचीन घाटों के नवीनीकरण और सौंदर्यकरण का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ-साथ सरस्वती नदी के बहाव क्षेत्र में पडऩे वाले सभी प्राचीन स्थानों को भी धरोहर के रुप में विकसित किया जा रहा है। सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड द्वारा इस प्राचीन बावड़ी को एक पर्यटन स्थल के रुप में विकसित करने का काम किया जाएगा ताकि हरियाणा की प्राचीन विरासत से पर्यटकों को आत्मसात होने का मौका मिल सके। इसके साथ-साथ इस स्थान पर बाबा लक्खी शाह वंजारा का स्मारक और सराय का भी निर्माण करवाया जाएगा।