बरनाला पंजाब के कलाकारों ने मोहा दर्शकों का मन, दिखाई पंजाबी संस्कृति की झलक
जिंद माही ले चलियो पटियाले, ओत्थों ल्याई रेशमी नाले
कुरुक्षेत्र ।
लोक कलाकार सदैव अपनी प्रतिभा तथा हुनर से अपने प्रदेश की संस्कृति का परिचय देते हैं। लोक संस्कृति ही किसी भी प्रदेश को महान् बनाती है। लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत की जानी वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियां न केवल उनके प्रदेश की सभ्यता व संस्कृति का बखान करती है, बल्कि उस प्रदेश के सामाजिक परिवेश का भी दर्शन कराती हैं। ये कहना था कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा का। मौका था कला कीर्ति भवन में हरियाणा कला परिषद् द्वारा आयोजित लोहड़ी व संक्रांत उत्सव का। इस अवसर पर बरनाला पंजाब के कलाकारों ने रुपिंद्र सिंह के निर्देशन में पंजाबी लोक रंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। पंजाबी संस्कृति की झलक दिखाते कार्यक्रम के दौरान मदन मोहन छाबड़ा बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे। वहीं कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के कार्यकारिणी सदस्य उपेंद्र सिंघल, विजय नरुला तथा आरएसएस के विभाग कार्यवाह प्रितम जी उपस्थित रहे। कार्यक्रम से पूर्व हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने मुख्यअतिथि व अन्य अतिथियों को अगंवस्त्र तथा स्मृति चिन्ह भेंटकर स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन मीडिया प्रभारी विकास शर्मा तथा हास्य कलाकार शिवकुमार किरमच द्वारा किया गया। पंजाबी कार्यक्रम में पहली प्रस्तुति पंजाबी लोक गायकी की रही, जिसमें पंजाब के कलाकार इबादत् अली और लक्की संधू ने अपनी गायकी से सभी का मन मोहा। इसके बाद लोकनृत्य जिंदूआ में पंजाब की महिला और पुरुष कलाकारों की जुगलबंदी ने दर्शकों का मन मोहा। पंजाब की मुटियारों के साथ गबरु जवान जब जिंदुआ नृत्य के लिए मंच पर पहुंचे तो दर्शकों ने जोरदार तालियों से स्वागत किया। जिंद माही ले चलियो पटियाले, ओत्थों ल्यावीं रेशमी नाले जैसी बोलियां पर थिरकते कलाकारों के साथ दर्शक भी झूमने पर मजबूर थे। पंजाबी रंगों से सराबोर कार्यक्रम में एक के बाद एक बेहतरीन प्रस्तुति ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। जहां एक ओर पंजाबी गायकी से लोग आनंद विभोर हो रहे थे वहीं दूसरी ओर पंजाब के लोकनृत्य झूमर तथा सम्मी ने भी खूब तालियां बटौरी। पंजाब के कलाकारों द्वारा प्रस्तुत किया गया मलवई गिद्दा और भंगड़ा भी अपनी अनूठी छाप छोड़ने में कामयाब रहा। पंजाब के लोकनृत्यों पर कलाकारों के साथ लोग भी झूमते हुए नजर आए। कार्यक्रम के अंत में पंजाबी कलाकारों ने ऐसा धमाल मचाया कि दर्शक भी खुद को नहीं रोक पाए और कलाकारों के साथ खूब ताल से ताल मिलाई । एक तरफ मंच पर थिरकते कलाकार और दूसरी तरफ सर्द हवाओं के बीच जलती लोहड़ी की गरमाहट लोगों को रोमांचित कर रही थी। हरियाणा कला परिषद के अधिकारियों व कर्मचारियों सहित सभी दर्शकों ने नाचते हुए अपनी खुशी व्यक्त की। इस अवसर पर हरियाणा कला परिषद के कार्यालय प्रभारी धर्मपाल गुगलानी, ललित कला समन्वयक सीमा काम्बोज, रंगशाला प्रबंधक मनीष डोगरा, रजनीश भनौट, आदि भी उपस्थित रहे।