हैफेड आगामी कुछ दिनों तक धान की फसल का करेगा 800 करोड़ का भुगतान
कुरुक्षेत्र में 14 करोड़ रुपए की राशि का किया भुगतान
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 21अक्तूबर। हैफेड के नवनियुक्त चेयरमैन कैलाश भगत ने कहा कि हैफेड एजेंसी ने धान के सीजन में किसानों को किसी प्रकार की दिक्कत और परेशानी नहीं आने दी है। इस एजेंसी ने धान की खरीद करने पर अब तक 400 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान कर दिया है। हालांकि हैफेड द्वारा कुल 800 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया जाएगा। इस प्रकार हैफेड एजेंसी ने 50 प्रतिशत का भुगतान कर दिया है।
इतना ही नहीं कुरुक्षेत्र की मंडी में 14 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान हैफेड ने कर दिया है और यह राशि आढ़तियों के खाते में जमा करवा दी गई है। चेयरमैन कैलाश भगत बुधवार को थानेसर अनाज मंडी में व्यापारी जितेन्द्र ढींगड़ा के प्रतिष्ठïान पर व्यापारियों और किसानों की समस्याओं का समाधान करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
इसके उपरांत हैफेड चेयरमैन कैलाश भगत, हैफेड के मुख्य महाप्रबंधक आरपी साहनी, डीएम हैफेड शीशपाल गौरी, जितेन्द्र ढींगड़ा ने थानेसर अनाज मंडी का दौरा कर धान की नमी, तुलाई को चैक किया और मजदूरों, किसानों तथा व्यापारियों की समस्या सुनकर मौके पर ही समस्याओं का समाधान किया।
चेयरमैन ने कहा कि कुरुक्षेत्र की विभिन्न अनाज मंडियों का निरीक्षण कर किसानों, व्यापारियों और मजदूरों की समस्याओं को सुना और उनका समाधान भी किया। इन मंडियों का दौरा करने के दौरान सबसे बड़ी समस्या धान की भुगतान की व्यापारियों द्वारा रखी गई। उन्होंने कहा कि हैफेड ने 20 अक्टूबर तक धान की खरीद करने पर 157 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान कर दिया था, लेकिन 21 अक्टूबर को 400 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान कर दिया गया है।
इस वर्ष धान के सीजन में हैफेड एजेंसी द्वारा 800 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान किया जाना है और इसमें से 50 प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया गया है जबकि अभी सीजन चल रहा है। इस बकाया 400 करोड़ रुपए की राशि का भुगतान एक सप्ताह के अंदर कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पोर्टल की प्रणाली में आने वाली दिक्कतों को दूर कर दिया गया है। अब किसानों व व्यापारियो ंको किसी प्रकार की कोई दिक्कत और परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इस सीजन में एजेंसी ने निर्धारित समर्थन मुल्य पर फसल को खरीदा है और किसानों को भविष्य में भी फसल का न्यूनतम समर्थन मुल्य मिलता रहेगा। इस विषय को लेकर किसी के बहकावे में आने की जरुरत नहीं है।
चेयरमैन ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के हित को देखते हुए कृषि कानून बनाए है। इन कृषि कानूनों से किसानों का जीवन खुशहाल हो जाएगा। इस बिल के लागू होने से किसान अपनी फसल को अपनी सहुलियत के अनुसार देश के किसी भी कोने में बेच सकता है और उंचे दाम हासिल कर सकता है। कृषि कानून के तहत कान्टेक्ट फार्मिंग भी किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी और इससे किसानों को फसल के उंचे दाम मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के 6 सालों के कार्यकाल में किसानों को हर वर्ष एमएसपी को बढ़ाकर दिया गया है और प्रदेश के प्रत्येक किसान को 6 हजार रुपए प्रति वर्ष के हिसाब से सीधा बैंक खाते में जमा करवाया गया है। सरकार का एक ही लक्ष्य है कि किसानों को उनकी फसल का अधिक से अधिक दाम मिले और किसान आर्थिक रुप से मजबूत बने। इस मौके पर अजय मदान, महामंत्री रविन्द्र सांगवान, केडीबी सदस्य सौरव चौधरी, बलविन्द्र सिंह, सतीश कुमार आदि उपस्थित थे।