बच्चों व बुजुर्गों को ठंड से बचाव के लिए रखे विशेष ध्यान
पशुओं को सर्दी से बचाने के लिए करे प्रबंध
अधिक ठंड महसुस होने पर डाक्टर से करें संपर्क
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । उपायुक्त शांतनु शर्मा ने कहा कि ठंड के मौसम में शीतलहर का प्रभाव काफी ज्यादा हो रहा है। इसलिए ऐसे मौसम में स्वयं व अपने पालतु जानवरों को शीतलहर के प्रकोप से बचा कर रखना बहुत जरुरी है। आमजन शीतलहर से बचाव के लिए सभी उपाये करें। शीतलहर की जानकारी के लिए निरंतर रेडियो, टीवी, समाचार पत्रों के सम्पर्क में रहें। शीतलहर के दौरान स्वयं को ठंड के प्रकोप से बचाने के साथ-साथ फसलों एवं पशुधन को भी ठंड से बचाने के हर संभव प्रयास करें।
उपायुक्त शांतनु शर्मा ने बातचीत करते हुए कहा कि शीतलहर के दौरान विभिन्न सावधानियां बरतें। सर्दियों के लिए पर्याप्त कपड़ों का स्टॉक रखें, कपड़ों की कई परतें शीतलहर से बचाव के लिए अधिक सहायक होती है। आपातकालीन आपूर्ति जैसे भोजन, पानी, ईंधन, बैट्री, चार्जर, आपातकालीन प्रकाश और साधारण दवाएं तैयार रखें। घर में ठंडी हवा के प्रवेश को रोकने के लिए दरवाजों व खिड़कियों को अच्छी तरह बंद रखें। फ्लू, नाक बहना, भरी नाक या नाक बंद होने जैसी विभिन्न बीमारियां आमतौर पर ठंड में लम्बे समय तक सम्पर्क में रहने से होती है। इस तरह के लक्षणों से बचाव के लिए आवश्यक सावधानी बरतें तथा तुरंत स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों या डॉक्टर से सम्पर्क करें। शीतलहर के दौरान ज्यादा से ज्यादा समय घर के अंदर रहे। तंग कपड़े पहनने से बचें, इनके पहनने से खून के बहाव में अवरोध होता है। खुद को सूखा रखें, शरीर की गरमाहट बनाये रखने के लिए अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को अच्छी तरह से ढके, गीले कपड़े तुरंत बदले, बिना उंगली वाले दस्ताने का प्रयोग करें यह दस्ताने उंगगियों की गरमाहट बचाए रखने में मदद करते है।
उन्होंने कहा कि अपने फैफड़ों के बचाव के लिए मूंह तथा नाक ढक कर रखे, घर से बाहर जाते समय मास्क इत्यादि का प्रयोग करें। शरीर की गर्मी बचाये रखने के लिए टोपी, हैट, मफलर तथा आवरण युक्त एवं जलरोधी जूतो का प्रयोग करें, सिर को ढके, स्वास्थ्य वर्धक भोजन करें, पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाये रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियों का सेवन करें। नियमित रूप से गर्म तरल पदार्थों का सेवन करें। तेल, पेट्रोलियम जैली व बॉडी क्रीम से अपनी त्वचा को मॉइस्चराइज करें, विशेष रूप से बुजुर्गों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का ध्यान रखें। पड़ोस में अकेले रहने वाले बुजुर्गों का कुशलक्षेम पूछते रहे। उर्जा बचाये, आवश्यकतानुसार ही सावधानी पूर्वक रूम हीटर का प्रयोग करें। कमरों का गर्म करने के लिए कोयले का प्रयोग न करें, यदि कोयला या लकड़ी जलाना आवश्यक है तो उचित चिमनी का प्रयोग करें। बंद कमरों में कोयले का जलाना खतरनाक हो सकता है। इससे कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा होती है।