माँ भगवती के छटे स्वरूप माता कात्यानी का आह्वान कर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र, 22 अक्टूबर। शारदीय नवरात्रों के अवसर पर जयराम विद्यापीठ की मुख्य यज्ञशाला में चल रहे दुर्गा अनुष्ठान के अवसर पर वीरवार को मुख्य यजमान के तौर पर विद्यापीठ के ट्रस्टी के के कौशिक एडवोकेट परिवार के सदस्यों के साथ शामिल हुए। उन्होंने जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से अनुष्ठान यज्ञ में आहुतियां दी। कर्मकांड विद्वान् आचार्य राजेश प्रसाद लेखवार शास्त्री ने नवरात्रों में माँ भगवती के छटे स्वरूप माता कात्यानी का आह्वान कर विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ पूजन किया।
उन्होंने बताया कि परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी की प्रेरणा है कि नवरात्रों के अवसर पर लोगों को दोहरी मानसिकता का त्याग करना चाहिए। समाज की सोच ठीक करने की जरूरत है। ब्रह्मचारी के अनुसार समाज की सोच भी बदलें और नई अलख जगाएं, नारी को ममता का रूप कहा जाता है। ममता का रूप नारी घर तक ही सीमित नहीं रखें क्योंकि नारी की पहचान महान समाज सुधारक के रूप में भी है।
माँ भगवती के नौ देवी स्वरूप प्रत्यक्ष उदाहरण हैं। इस समय पूरे देश में नवरात्रों की धूम है । जगह जगह माँ के नौ स्वरूपों की पूजा की जा रही है। देशभर में श्रद्धालु माँ भगवती की आस्था से पूजा कर रहे हैं और अष्टमी और नवमी के दिन कन्याओं की पूजा करेंगे। पर अफ़सोस है कि नवरात्र पुरे हो जाने पर लोग वापस अपनी पुरानी दिनचर्या पर लौट जाते हैं। इस मौके पर राजेंद्र सिंघल, खरैती लाल सिंगला, श्रवण गुप्ता, ईश्वर गुप्ता, सुरेंद्र गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, राजेश सिंगला, एस एन गुप्ता, ब्रह्मचारी रोहित कौशिक, रणबीर भारद्वाज, अशोक गर्ग, सतबीर कौशिक एवं रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद थे।