नेताजी के गुमनाम सैनिकों को ढूंढेगी महापुरुष स्मृति परिषद
प्रशासन जिनके नाम स्वतंत्रता सूची में शामिल करने के लिए भेज चुका है,उनके भी दर्ज नहीं हुए नाम-श्रीभगवान फौगाट
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
रोहतक। सोमवार को तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा बुलंद कर देशवासियों में आजादी की इंकलाबी लहर लाने वाले आजाद हिंद फौज के क्रांतिकारी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की 126वीं जयंती पर आजाद हिंद फौज के सात परिवारों को सम्मानित किया गया। सोमवार को महापुरूष स्मृति परिषद द्वारा सीनियर सिटीजन क्लब के सहयोग से नेता जी का जन्मदिवस मनाया गया।इस अवसर पर मुख्यातिथि मुख्यमंत्री के छोटे भाई एवं योग समिति अध्यक्ष चरणजीत खट्टर ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस व आजाद हिंद फौज की स्मृतियों को साझा किया। उन्होंने कहा कि देश के वीर महान सपूतों की याद में इस तरह के राष्ट्रभक्ति के कार्यक्रम होते रहने चाहिए। साथ ही उन्होंने अपील की कि इस तरह के कार्यक्रमों में युवाओं साथ मातृशक्ति को भी समान रूप से जोड़ा जाना चाहिए।
हरियाणा से आजाद हिंद फौज के गुमनाम सैनिक,शहीदों की परिवार सहित खोज खबर कर रिकॉर्ड में लाने हेतु कवायद का आगाज करते हुए रोहतक के 26 परिवारों को सूचीबद्ध किया। महापुरुष स्मृति परिषद के अध्यक्ष जसबीर सिंह मलिक ने कार्य प्रगति रिपोर्ट देते हुए बताया कि परिषद महापुरुषों को समर्पित है और पूरे भारत वर्ष में कार्य कर रही है।गुमनाम आजाद हिंद फौज के सैनिकों के संबंध में उपस्थित सभी वरिष्ठ नागरिकों की सर्वसम्मति से प्रधानमंत्री,मुख्यमंत्री कार्यालयों को जारी प्रस्ताव में रिकॉर्ड जुटा कर स्वतंत्रता सेनानियों को पूरा सम्मान व लाभ दिये जाने का मांग पत्र दिया। नेता जी सुभाष चंद्र बोस व आजाद हिंद फ़ौज के उपलब्ध रिकॉर्ड के बारे बताते हुए कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में गुमनाम सैनिकों को ढूंढने का प्रयास कर रहे श्रीभगवान फौगाट ने कहा कि लालकिले में लगभग 3000 सैनिकों पर मुकदमा 1945/46में चला, जिसमें तीन सेनानायक सहित सभी सैनिकों को बरी कर दिया गया था उसके बाद देश आजाद होने के बाद से अब तक उनकी कोई सुध नहीं ली गई। यहां तक कि केंद्र व राज्यसरकारों के अभिलेखागार में पूरा रिकॉर्ड तक नहीं है।हरियाणा से जिनके पूर्वज आजाद हिंद फौज में रहे हैं उन सबका दुर्भाग्य से सरकार के पास आईएनए के पूर्व सैनिकों की पर्याप्त सूची तक नहीं है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र वासी स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी श्रीअमर नाथ के 2002 में निधन के बाद हरियाणा की विधानसभा में श्रद्धांजलि और शोक व्यक्त किया गया था। कई साल तक पत्र व्यवहार मेल भेजने के बाद कुरुक्षेत्र प्रशासन द्वारा उनका नाम मुख्य सचिव को स्वतंत्रता सूची में दर्ज करने के लिए दो साल पहले भेजा हुआ है,लेकिन दुखद है कि आज तक उनका नाम स्वतंत्रता सेनानी सूची में दर्ज नहीं हुआ। इस दौरान प्रस्ताव पारित किया गया। वहीं मंच से वक्ताओं ने संयुक्त रूप से यह कहा गया कि किसी भी स्तर पर स्वतंत्रता सेनानियों सम्मान को ठेस नहीं पहुंचने दी जाएगी। मंच संचालन कर रहे महापुरुष स्मृति परिषद के अध्यक्ष जसबीर सिंह मलिक ने कहा कि अब तक रोहतक में 26परिवारों को चिन्हित किया गया है,हरियाणा से लगभग ढाई हजार सैनिक थे बाकि इन सभी गुमनाम सैनिकों को पहचान कर सम्मान दिलाने का कार्य परिषद गणमान्य नागरिकों के सहयोग से प्राप्त करेगी।इस अवसर पर महासचिव राजबीर सिंह राज्यान, धर्मपाल सिंह मलिक, शौर्य पदक विजेता विंग कमांडर शेर सिंह कादियान,सेना पदक प्राप्त 1971 लड़ाई के नायक कैप्टन दिलबाग सिंह कादियान,कुरुक्षेत्र से स्वतंत्रता सेनानी अमरनाथ शर्मा की धर्मपत्नी सीता देवी,डा मीनाक्षी शर्मा,प्रो कमला दलाल,डा.अनिल राठी,जसबीर सिंह मलिक,कैप्टन जगबीर सिंह मलिक सहित स्वतंत्रता सेनानियों के परिवार के सदस्यों ने अपने पूर्व जनों की आजाद हिंद फौज से जुड़ी यादें साझा की।रोहतास नागर व महावीर शास्त्री ने नेता जी पर गीत प्रस्तुत किए,कार्यक्रम की अध्यक्षता सीनियर सिटीजन क्लब के प्रधान कटार सिंह हुड्डा ने की।