ब्रहमसरोवर पर चारों वेदों का यज्ञ वैद्विक यज्ञशाला बनकर हुई, तैयार
आयोजन कमेटी ने समारोह स्थल का दौरा कर लिया जायजा
सुर्योदय की पहली किरण से शुरू होकर सुर्यास्त तक चलेगा ब्रहमसरोवर पर चारों वेदों का यज्ञ
वैद्विक यज्ञशाला बनकर हुई, तैयार
आयोजन कमेटी ने समारोह स्थल का दौरा कर लिया जायजा
कुरूक्षेत्र, 30 जनवरी, : धर्मक्षेत्र-कुरूक्षेत्र के ब्रहमसरोवर पर योग भवन में महर्षि दयानन्द सरस्वती की द्वितीय जन्मशताब्दी शुभारम्भ समारोह पर होने वाले बारह दिवसीय चतुर्वेद परायण यज्ञ के लिए वैद्विक काल की तरह घास-फूस की सुंदर यज्ञशाला अपना इतिहास दोहराने को तैयार है। आयोजक कमेटी वेद विद्या शोद्य संस्थान व आर्य समाज के सदस्यों ने सोमवार को पूरी टीम के साथ आयोजन स्थल का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। इस अवसर पर आयोजक कमेटी के मिडिय़ा प्रभारी आर्य दिलबाग लाठर ने बताया कि लगातार बारह दिनों तक इस भव्य व वैद्विक यज्ञशाला में देसी गाय के घी से चारों वेदों का यज्ञ चलेगा। यज्ञ में गाय के घी के साथ प्रयोग होने वाली सामग्री में हर प्रकार के ऋतूओं अनुसार सुगंधित पदार्थ विशेष ओषधियों के साथ डाले जाएंगे, जो कि वातावरण को स्वच्छत बनाएंगे। उन्होंने बताया कि यह यज्ञ चारों वेदों का होगा, जिसमें बारह दिनों तक लगभग बीस हजार वेद मंत्रों की आहुतियां वैद्विक विद्वानों की देखरेख मेें गुरूकूल के ब्रहमचारियों व ब्रहमचारिणयों के एक स्वर उच्चारण से दी जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि यह यज्ञ सुबह बारह दिनों तक प्रतिदिन सुर्योदय से प्रारम्भ होगा व सुर्यास्त तक चलेगा।
यज्ञ के यज्ञमानों में विशेष उत्साह
आर्य दिलबाग लाठर ने बताया कि इस यज्ञ में भाग लेने वाले यज्ञमानों में विशेष उत्साह है व वे अलग-अलग दिन यज्ञमान बनने के लिए सम्पर्क साध रहे हैं व उत्साहित है। जिससे पता चलता है कि लोगों में यज्ञ के लिए कितना उत्साह है।
समारोह में आयोजित होंगी, महर्षि दयानन्द के चिंतन की अंतराष्र्टीय संगोष्ठियां
सुर्योदय की पहली किरण से शुरू होकर सुर्यास्त तक चलेगा ब्रहमसरोवर पर चारों वेदों का यज्ञ
वैद्विक यज्ञशाला बनकर हुई, तैयार
आयोजन कमेटी ने समारोह स्थल का दौरा कर लिया जायजा
कुरूक्षेत्र, 30 जनवरी, : धर्मक्षेत्र-कुरूक्षेत्र के ब्रहमसरोवर पर योग भवन में महर्षि दयानन्द सरस्वती की द्वितीय जन्मशताब्दी शुभारम्भ समारोह पर होने वाले बारह दिवसीय चतुर्वेद परायण यज्ञ के लिए वैद्विक काल की तरह घास-फूस की सुंदर यज्ञशाला अपना इतिहास दोहराने को तैयार है। आयोजक कमेटी वेद विद्या शोद्य संस्थान व आर्य समाज के सदस्यों ने सोमवार को पूरी टीम के साथ आयोजन स्थल का दौरा कर तैयारियों का जायजा लिया। इस अवसर पर आयोजक कमेटी के मिडिय़ा प्रभारी आर्य दिलबाग लाठर ने बताया कि लगातार बारह दिनों तक इस भव्य व वैद्विक यज्ञशाला में देसी गाय के घी से चारों वेदों का यज्ञ चलेगा। यज्ञ में गाय के घी के साथ प्रयोग होने वाली सामग्री में हर प्रकार के ऋतूओं अनुसार सुगंधित पदार्थ विशेष ओषधियों के साथ डाले जाएंगे, जो कि वातावरण को स्वच्छत बनाएंगे। उन्होंने बताया कि यह यज्ञ चारों वेदों का होगा, जिसमें बारह दिनों तक लगभग बीस हजार वेद मंत्रों की आहुतियां वैद्विक विद्वानों की देखरेख मेें गुरूकूल के ब्रहमचारियों व ब्रहमचारिणयों के एक स्वर उच्चारण से दी जाएगी। सबसे बड़ी बात यह है कि यह यज्ञ सुबह बारह दिनों तक प्रतिदिन सुर्योदय से प्रारम्भ होगा व सुर्यास्त तक चलेगा।
यज्ञ के यज्ञमानों में विशेष उत्साह
आर्य दिलबाग लाठर ने बताया कि इस यज्ञ में भाग लेने वाले यज्ञमानों में विशेष उत्साह है व वे अलग-अलग दिन यज्ञमान बनने के लिए सम्पर्क साध रहे हैं व उत्साहित है। जिससे पता चलता है कि लोगों में यज्ञ के लिए कितना उत्साह है।
समारोह में आयोजित होंगी, महर्षि दयानन्द के चिंतन की अंतराष्र्टीय संगोष्ठियां
इस कार्यक्रम में धार्मिक, सामाजिक, शैक्षणिक हर तरह का चिंतन होगा। आयोजन कमेटी के सदस्य आर्य रामपाल कूंडू ने बताया कि आज समाज में मूल्यों की कमी होती जा रही है। महर्षि दयानन्द सरस्वती ने हर विषय को लेकर मानतवतावादी विचार दिए है। जिनका यदि समाज अपने दैनिक जीवन में प्रयोग करे तो अनेकों परेशानियों का हल निकल सकता है। इसके अलावा इस समारोह में देश-विदेश से विद्वान लोग पहुंच रहे हैं।
संतो द्वारा महर्षि दयानन्द के विचारों को पूरी दूनिया तक पहुंचाने का काम होगा
इस कार्यक्रम का शुभारम्भ देश के प्रसिद्व संत धर्मक्षेत्र -कुरूक्षेत्र पहुंच कर उनके चिंतन को पूरे विश्व के सामने प्रस्तुत करेंगे। कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी सम्पूर्णानन्द सरस्वती ने बताया कि महर्षि दयानन्द सरस्वती जी मानवता भलाई के लिए बिखरे समाज को एक करना चाहते थे। जिस पर पहले दिन ही सभी मत व पंथों से संतों के आगमन से एक अच्छी पहल होगी।
फोटो नं.30 केयूके 71
फोटो कैप्शन: धर्मक्षेत्र कुरूक्षेत्र के ब्रहमसरोवर के योगभवन में तैयार वैद्विक यज्ञशाला