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इनेलो नेता की ताकत का इस्तेमाल कर नब्बे हजार सालाना की दुकान आश्री ने तीन हजार में हथियाई
हरियाणा में 1999 से पहले चुंगी व्यवस्था हुआ करती थी।बस अड्डे और रेलवे स्टेशनों के समीप नगर परिषद और पालिका कर्मी यह चुंगी वसूल करते थे।मगर जैसे ही 1999 में इनेलो की सरकार बनी तो तत्कालीन सीएम ओमप्रकाश चौटाला ने चुंगी व्यवस्था को खत्म कर दिया। कुरुक्षेत्र शहर में भी कई जगह चुंगी के दफ्तर थे। इसी तरह का एक दफ्तर शास्त्री मार्केट और बिरला मंदिर के बीच डा.सुरेंद्र सहाय के अस्पताल के समीप था। मगर 1999 के बाद यह दफ्तर बंद पड़ा था,मगर नगर परिषद थानेसर के अधिकार क्षेत्र में था। इस दफ्तर पर नजर पड़ गई एक कथित भाजपा नेता पवन आश्री की। उसने उस दौर में ओमप्रकाश चौटाला के तीसरे पुत्र कहे जाने वाले प्रदेश के कद्दावर इनेलो नेता की सिफारिश से इस दुकान को हासिल का जुगाड़ तैयार किया। बस फिर क्या था, कथित आरटीआई एक्टिविस्ट पवन आश्री इसी जुगाड़पंथी से वो करने में सफल हुए,जिसे तीन साल से बंद बड़ी दुकान को कोई भी शहरवासी हासिल करने में सफल नहीं हो सका था।
डा.सहाय अस्पताल के निकट वर्षों से बंद पड़े चुंगी आफिस को इनेलो सरकार में जुगाड़पंथी के सहारे भाजपा के कथित नेता पवन आश्री ने हथिया लिया। यह कार्यालय ना तो किसी संस्था का था और ना ही किसी व्यक्ति विशेष का,जो बिना बोली कराए फैसला ले और मनमर्जी से किसी को सौंप दे। यह कार्यालय था थानेसर नगर परिषद का। नियमानुसार इसकी नीलामी होनी चाहिए थी और नीलामी से पहले पूरी प्रक्रिया को अपनाना था,मगर कुछ नहीं हुआ और बगैर नीलामी और बोली के इस बेशकीमती कार्यालय की चाबी पवन आश्री को किरायेदार मान कर सौंप दी गई थी।अंधे को क्या चाहिए दो आंख और पवन आश्री ने यह दुकान खोल कर अपनी मेज कुर्सी सजा दी।
पवन आश्री को 3 हजार सालाना पर दी गई दुकान 90 हजार रुपये सालाना किराये पर चढ़ी
ना राष्ट्रपति को शिकायत की ना पीएम,राज्यपाल या सीएम को,गलत का निपटारा लोकल स्तर पर हुआ
21 साल का ब्याज लगाकर वसूली जाए पवन आश्री से राशि
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