महर्षि दयानन्द समारोह में देश भर से विद्वान पहुंच रहे, धर्मनगरी- कुरूक्षेत्र
शताब्दी शुभारम्भ समारोह ने छटे दिन में किया प्रवेश
कुरूक्षेत्र, 6 फरवरी: गुजरात के रोजड़ वानप्रस्थ साधक आश्रम से विदूषि माता रितमा मुनि ने कहा है कि वेद मानव जीवन का संविधान है। महर्षि दयानन्द के संस्थापक महर्षि दयानन्द सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना ही वेदों के प्रचार के लिए व मानवता को सही रास्ता दिखाने के लिए की थी। उन्होंने कहा कि यम-नियम उपासना का बीज है। जब तक हम सत्य पर नहीं चलेंगे व मन से किसी का बुरा सोचना बंद नहीं करेंगे, तब तक हम ध्यान साधना में नहीं जा सकते। वे सोामवार को वेद विद्या शोद्य संस्थान के तत्वाधान में आर्य समाज की ओर से ब्रहमसरोवर पर आयोजित महर्षि दयानन्द सरस्वती शताब्दी शुभारम्भ समारोह के छटे दिन के कार्यक्रम में शामिल लोगों को सम्बोधित कर रही थी। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी सम्पूर्णानन्द सरस्वती ने कहा कि जितने हम वेद से दूर होते जा रहे हैं, उतने ही तनाव, भय, भ्रष्टाचार से ग्रस्त हो रहे हैं। वेद में सब समान है, कोई भेदभाव नहीं है।
इस चतुर्वेद पारायण यज्ञ समारोह में सोमवार को अखिल भारतीय रोड़ महासभा की कार्यकारिणी के सदस्य वरिष्ठ उपप्रधान चौधरी रामपाल पलवल की अध्यक्षता में यज्ञ में शामिल हुए, जिनमें महासचिव सुरेन्द्र कुमार, संयुक्त सचिव कुलदीप सिंह, कोषाध्यक्ष जिले सिंह, प्रैस सचिव धर्मवीर, कार्यकारिणी सदस्य अनन्तराम साकरा, उदयसिंह आहूं, शीशपाल मंजूरा, मुल्तान सिंह जड़ौला शामिल रहे। इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी सम्पूर्णानन्द सरस्वती, कार्यक्रम प्रभारी श्रीप्रकाश मिश्र, आर्य दिलबाग लाठर ने सभी को गायत्री पटिटकाएं पहनाकर व महर्षि दयानन्द का चित्र देकर सम्मानित किया। इसके अलावा सोमवार को कार्यक्रम में पोलटैक्निकल कालेज नीलोखेड़ी के पूर्व प्रिंसीपल महेन्द्र मैहला, आर्य समाज दिल्ली, आर्य समाज दिल्ली, आर्य समाज चंडीगड़, हिमाचल से आर्य परिवारों ने कुरूक्षेत्र पहुंच कर चारों वेदों के यज्ञ में आहुति दी।
कार्यक्रम में इश्वर भक्ति में झूम उठे लोग
कार्यक्रम में प्रतिदिन सांयकालीन स्तर में भजन संध्या का आयोजन होता है, जिसमें सोमवार को गवालियर के प्रसिद्व भजनोपदेशक पंडित अशोक आर्य व हरिद्वार की भजनोपदेशिका निकिता आर्य ने मधुर भजनों की प्रस्तुति दी तो कार्यक्रम में शामिल लोग ईश्वर भक्ति व दयानन्द के गीतों पर झूम उठे।
सुर्योंदय से सुर्यास्त तक चलता है, यज्ञ
ब्रहमसरोवर पर प्रतिदिन पिछले 6 दिनों से सुर्योदय से यज्ञ प्रारम्भ होता है व सुर्यास्त तक चलता है। हजारों लोग यज्ञ में प्रतिदिन आहूति डाल रहे हैं।
अंतराष्ट्रीय संगोष्ठियों में हो रहा महर्षि का चिंतन
प्रतिदिन आयोजित अंतराष्ट्रीय संगोष्ठियों में महर्षि दयानन्द सरस्वती का चिंतन होता है। जिसमें देश भर से आर्य जगत के विद्वान कुरूक्षेत्र पहुंच कर महर्षि दयानन्द सरस्वती का मानवता को दिए अलग-अलग विषयों पर चिंतन करते हैं। जिसमें सोवार को रोजड़ से मुनि सत्यजीत व माता रतिमा ने भाग लिया।
वेद मानव जीव का संविधान: रितमा मुनि
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