शिक्षकों का अपने विद्यार्थियों से होना चाहिए इमोशनल अटैचमैंट-डा.बेदी
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। धर्मजीवी बीएड कालेज में प्रभावी कक्षा प्रबंधन की नीतियों पर संगोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर एमएनएम डीएवी कालेज चंडीगढ़ की पूर्व प्रिंसिपल डा.पुनीत बेदी ने बतौर मुख्य वक्ता शिरकत की। संगोष्ठी में डा.बेदी ने कहा कि भावी शिक्षकों को बताया कि अध्यापकों को अपनी क्षमता और कमजोरी दोनों का ज्ञान होना चाहिए। किस तरह से अपनी क्षमताओं और कमजोरियों को पढ़ाते समय कैसे प्रयोग करना है,उसके भी टिप्स दिए। जब तक अध्यापक की बच्चों से इमोशनल अटैचमैंट नहीं होगी,तब तक वे आत्मिक रुप से उनसे जुड़ नहीं पाएंगे। किसी भी विषय को अपनी योग्यता द्वारा बच्चों को लिए दिलचस्प बनाने वाला अध्यापक ही होता है। स्पीकिंग स्किल अध्यापकों का एक बेहतरीन हथियार है। अध्यापक का मुख्य कार्य एक सामान्य विद्यार्थी को सफल विद्यार्थी बनाना है।उन्होंने भावी शिक्षकों को यह भी बताया कि शिक्षकों के व्यक्तित्व और भाषा का बच्चों के कोमल मन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि एक प्रभावी रुप से प्रबंधित कक्षा वह है,जो सामान रुप से चलती है और जहां छात्र और शिक्षक दोनों ही अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें। उन्होंने बताया कि शिक्षक बच्चों को सिखाएं कि वे जिस समाज में पैदा हुए हैं,उस समाज को अपनी कमाई से क्या दे सकते हैं। अगर शिक्षक आज यह बीज रोपित करेंगे तो २० साल बाद हमारे पास भी वो पौध तैयार होगी,जिसकी हम उम्मीद करते हैं,क्योंकि अध्यापक बहुत अहम भूमिका निभाते हैं,जो अवसर उनके पास है,ना तो वह किसी डाक्टर के पास है और ना ही इंजीनियर के पास,वे देश का भविष्य तैयार करते हैं। कालेज प्रिंसिपल डा.शालिनी राजपूत ने भावी शिक्षकों का मार्गदर्शन करने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। कालेज सचिव शशि सभ्रवाल ने कहा कि उन्होंने कक्षा प्रबंधन की जो नीतियां भावी शिक्षकों को बताई वे भविष्य में उनके अध्यापन के लिए कारगर सिद्ध होंगी। इस अवसर डा.एचसी बेदी,कालेज अध्यक्ष विजय सभ्रवाल, डा.सुदेश तनेजा,डा.मीनाक्षी शर्मा,डा.प्रीति,सुमीत,काजल एवं शिवम उपस्थित रहे।