दयानंद की राष्टï्रवादी विचारधारा से जुड़े अनेक क्रांतिकारी
महर्षि दयानंद की विचारधारा को साकार कर रही है सरकार
राज्य सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं में महिलाओं को दिया आरक्षण
पुलिस में भी बढाया जाएगा महिलाओं का प्रतिशत
युवा शक्ति का किया आह्वïान भारत को बनाए विश्वगुरु
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
रोहतक । हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि भारत को आजाद करवाने में महर्षि दयानंद सरस्वती व उनके द्वारा स्थापित आर्य समाज की विचारधारा का अहम योगदान रहा है। आर्य समाज की विचारधारा ने असंख्य लोगों को आजादी के लिए प्रेरित किया जिसकी बदौलत देश को आजादी मिली।
मुख्यमंत्री ने यह विचार आज रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में आयोजित महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती समारोह में बतौर मुख्यातिथि संबोधित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, सांसद श्री अरविंद शर्मा, पूर्व मंत्री श्री मनीष ग्रोवर, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजबीर सिंह सहित अन्य गणमान्य अतिथियों सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
उन्होंने महर्षि दयानंद सरस्वती को नमन करते हुए कहा कि उनके दिखाए मार्ग पर चलकर राष्ट्र की मजबूती के लिए काम करना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इसलिए हर व्यक्ति को जाति-पाति, छुआछूत इत्यादि सामाजिक बुराइयों को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए और बच्चों को शिक्षा दिलाकर उन्हें आगे बढ़ाने का सतत प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद 1857 की क्रांति के मुख्य सूत्रधार थे, उनकी राष्ट्रवादी विचारधारा से राम प्रसाद बिसमील, सरदार भगत सिंह सरीखे अनेक देशभक्त प्रभावित होकर आर्य समाज से जुड़े, जिन्होंने बाद में उनकी विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए देश को आजाद करवाने का काम किया।
उन्होंने कहा कि अगर महर्षि दयानंद सरस्वती नहीं होते तो देश को इतनी जल्दी आजादी कभी नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी महर्षि दयानंद सरस्वती के दिखाये मार्गदर्शन पर चलकर सबका साथ-सबका विकास के सिद्धांत पर काम कर रही है, ताकि हर गरीब से गरीब व्यक्ति की उन्नति हो सके।
महापुरूषों के जीवन से लेनी होगी प्रेरणा
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हम सबको महापुरुषों के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। भाजपा की मौजूदा सरकार ने महापुरुषों के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने और भावी पीढ़ी को महापुरुषों की जीवनी व उनकी शिक्षाओं से अवगत करवाने के उद्देश्य से संत-महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना लागू की है। इस योजना के तहत पिछले 2 वर्षों से अलग-अलग महापुरुषों की जयंती पर सरकार द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे महापुरुषों की जयंतियों पर यदि हम जमीनी स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं तो निश्चित रूप से आज की युवा पीढ़ी के मन में महापुरुषों के प्रति भाव जागृत होगा और अपने जीवन में उनकी शिक्षाओं को अपनाने की प्रेरणा लेंगे।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि महापुरुषों की विचारधारा का प्रचार-प्रसार करने के उद्देश्य से ही विश्वविद्यालय में उनके नाम से चेयर स्थापित की जाती है। उन्होंने कहा कि चेयर के माध्यम से संबंधित महापुरुष के जीवन का अध्ययन करने के उपरांत साहित्य तैयार किया जाता है। मकसद यही है कि महापुरुषों द्वारा दिए गए ज्ञान का प्रचार-प्रसार पूरे समाज में किया जा सके।
महिला शिक्षा को बढ़ावा देने और उनके सशक्तिकरण के लिए किये जा रहे कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार महिला शिक्षा को बढ़ावा देने तथा उनके सशक्तिकरण के लिए लगातार कार्य कर रही है। वर्तमान सरकार बनने के बाद प्रदेश में 72 महाविद्यालय स्थापित किये गए हैं, जिनमें 31 महिला महाविद्यालय हैं। पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत प्रतिनिधित्व दिया गया है। इसी प्रकार से हरियाणा पुलिस में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या बढ़ाई जा रही है। पहले महिला पुलिस कर्मियों की संख्या मात्र 6 प्रतिशत होती थी, जो बढक़र 9 प्रतिशत की गई और अब इसको बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जायेगा।क्ष
युवाओं और रोजगार पर विशेष ध्यान
श्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा प्रदेश युवाओं का प्रदेश है। इसमें 65 प्रतिशत आबादी युवाओं की है। इस आबादी को रोजगार, स्वरोजगार का प्रशिक्षण देकर देश व प्रदेश के विकास की धारा में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक नई शिक्षा नीति को भी प्रदेश में पूरी तरह लागू कर दिया जायेगा।
जयंती समारोह में मुख्यमंत्री ने युवा भारत-युवा बोध पुस्तिका का विमोचन भी किया। उन्होंने कहा कि इस पुस्तिका में देश व प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए 7 बिन्दु वर्णित किये गए हैं। इन सभी बिन्दुओं पर काम करने के लिए आगामी 2 वर्ष विशेष अभियान चलाया जायेगा। लोगों को इनकी जानकारी जुटाई जाएगी, जिससे लोग सामाजिक सरोकार से जुड़े विषयों पर काम करने के लिए आगे आएंगे। क्ष
गाय व कृषि से होकर गुजरता है भारत की समृद्घि का रास्ता :- आचार्य देवव्रत
गुजरात के महामहीम राज्यपाल आचार्य देवव्रत आर्य ने कहा कि जिस समय समाज में छूआछूत, जाति-पाति अशिक्षा सति प्रथा जैसी सामाजिक बुराईयां फैली हुई थी। उस समय महर्षि दयानंद ने इन कुरीतियों को मिटाने के लिए जीवन पर्यंत जोरदार प्रयास किये। उनके यह प्रयास रंग लाये और अनेकों लोग उनके इस मुहिम से जुड़े। उन्होंने कहा कि महर्षि दयानंद ने लोगों को वेदों को सही ज्ञान देकर उनके उज्जवल जीवन का मार्ग प्रशस्त किया। आर्य समाज की विचारधारा से जुडऩे में पुराना रोहतक जिला के लोगों ने खासी रूचि दिखाई। भारतीय ऋषि-मुनियों ने पूरा विश्व एक परिवार का विचार दुनिया को दिया। हर व्यक्ति को खुद के विकास को भी सब कुछ नहीं समझना चाहिए। सभी के विकास में अपनी उन्नति सोचनी चाहिए। तभी सही मायने में विश्व कल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ा जा सकता है और महर्षि दयानंद के विश्व कल्याण के सपने को साकार किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नशा मुक्त हरियाणा तथा प्राकृतिक खेती की ओर आगे बढऩे की जरूरत है। क्योंकि आज के आधुनिक युग में हो रही रासायनिक खेती से पर्यावरण प्रदूषण हो रहा है और अनेक जानलेवा बीमारियां मानव को घेर रही है। इन सबसे बचने के लिए लोगों को नशा छोडऩा होगा और प्राकृतिक खेती की तरफ लौटना होगा। उन्होंने कहा कि भारत की समृद्घि का रास्ता गाय और कृषि से होकर गुजरता है। इसलिए गाय को संरक्षण तथा खेती को प्राकृतिक ढंग से करना होगा। उन्होंने कहा कि आर्य समाज के लोगों ने प्राकृतिक खेती अपनाने बारे प्रेरित करने के लिए अभियान चलाने का संकल्प लिया है। देशभर में इस विषय को लेकर अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे।
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