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श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर में होगा विशेष पूजन एवं अभिषेक
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । महाशिवरात्रि भगवान शिव और शक्ति के मिलन का महासंयोग का दिन है। संत महापुरुषों द्वारा इस दिन विशेष तपस्या एवं पूजन किया जाता है। अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के अनुसार 18 फरवरी को महाशिवरात्रि आस्था व भक्ति भाव से मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के साथ शक्ति की आराधना भक्तों के लिए विशेष फलदायी रहेगी। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष दिन है। मारकंडा नदी के तट पर श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में शंखनाद के साथ विशेष पूजन एवं अभिषेक संत महापुरुषों द्वारा किया जायेगा। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि प्रत्येक महीने की मासिक शिवरात्रि का एक-एक पल अति पुण्य फलदायी माना गया है किंतु, फाल्गुन माह की शिवरात्रि जिसे महाशिवरात्रि कहा गया है उसका फल वर्ष पर्यंत सभी शिवरात्रियों से भी अधिक है। इस दिन जीवन में किए गए सभी अशुभ कृत्यों का प्रायश्चित करने का सुनहरा अवसर भी है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो लोग सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करते हैं, उनको सच्चा जीवन साथी मिल जाता है और हर कामना पूर्ण हो जाती है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का आयोजन होता है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का महापर्व है।
कुरुक्षेत्र । महाशिवरात्रि भगवान शिव और शक्ति के मिलन का महासंयोग का दिन है। संत महापुरुषों द्वारा इस दिन विशेष तपस्या एवं पूजन किया जाता है। अखिल भारतीय श्री मार्कंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी के अनुसार 18 फरवरी को महाशिवरात्रि आस्था व भक्ति भाव से मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि पर भगवान शिव के साथ शक्ति की आराधना भक्तों के लिए विशेष फलदायी रहेगी। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि सनातन धर्म में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह शिव और माता पार्वती की पूजा का विशेष दिन है। मारकंडा नदी के तट पर श्री मार्कंडेश्वर महादेव मंदिर ठसका मीरां जी में शंखनाद के साथ विशेष पूजन एवं अभिषेक संत महापुरुषों द्वारा किया जायेगा। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया कि प्रत्येक महीने की मासिक शिवरात्रि का एक-एक पल अति पुण्य फलदायी माना गया है किंतु, फाल्गुन माह की शिवरात्रि जिसे महाशिवरात्रि कहा गया है उसका फल वर्ष पर्यंत सभी शिवरात्रियों से भी अधिक है। इस दिन जीवन में किए गए सभी अशुभ कृत्यों का प्रायश्चित करने का सुनहरा अवसर भी है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो लोग सच्चे मन से भोलेनाथ की पूजा करते हैं, उनको सच्चा जीवन साथी मिल जाता है और हर कामना पूर्ण हो जाती है। फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का आयोजन होता है। महंत जगन्नाथ पुरी ने बताया महाशिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का महापर्व है।