न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । शिक्षकों में सृजनात्मकता का विकास एवं शिक्षा के नवीन आयामों में दक्ष करने के उद्देश्य हेतु गीता निकेतन आवासीय विद्यालय, कुरुक्षेत्र में आचार्य दक्षता वर्ग का आयोजन किया गया । सर्वप्रथम योग सत्र में योग के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए बताया गया कि योग से शरीर में नई स्फूर्ति एवं ऊर्जा का संचार होता है । कार्यक्रम में बौद्धिक सत्र के अन्तर्गत विद्यालय की आचार्या श्रीमती सुरिंदर कौर ने बाल केंद्रित शिक्षा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि शिक्षा बालकों के मानसिक स्तर के अनुसार, व्यक्तिगत भिन्नता को ध्यान में रखकर दी जानी चाहिए। उन्होंने एक लघु कथा के माध्यम से बताया कि पुस्तकीय ज्ञान की अपेक्षा व्यावहारिक ज्ञान पर बल दिया जाना चाहिए। शिक्षण सत्र के अन्तर्गत सभी विषयाचार्यों ने अपने- अपने विषय संबंधी गतिविधियों का निर्धारण किया ताकि छात्रों की जिज्ञासा को शांत करके उनके व्यवहार में परिवर्तन लाया जा सके। जहाँ विद्यालय की वरिष्ठ आचार्या डॉ. गार्गी शर्मा ने “जागरण ही अवलोकन है” कविता सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया वहीं आचार्या श्रीमती हर्षा अरोड़ा ने कहानी के माध्यम से सकारात्मक सोच, सहनशीलता, धैर्य धारण करना, क्षमा करना जैसे गुणों को अपनाकर जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। समापन सत्र में सभी गट चर्चा प्रमुख आचार्यों ने अपने-2 विषय का प्रस्तुतीकरण किया ।अंत में विद्यालय के प्राचार्य श्री नारायण सिंह जी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक कार्य को योजनाबद्ध तरीके से धरातल पर उतारने का भरपूर प्रयास करें।अपने अंदर नेतृत्व के गुणों का विकास करते हुए छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु निरंतर प्रयासरत रहें। कल्याण मंत्र के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ ।