सरकार HTET की वैधता आजीवन करे और खाली पड़े 38,000 पदों पर भर्ती करे – दीपेन्द्र हुड्डा
बीजेपी-जेजेपी सरकार की गलत नीतियों के चलते हरियाणा का युवा देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर झेल रहा – दीपेन्द्र हुड्डा
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
चंडीगढ़। सांसद दीपेंद्र हुड्डा कहा कि भाजपा सरकार ने हरियाणा को बेरोजगारी का हब बना दिया है। सरकार की गलत नीतियों के चलते हरियाणा का युवा आज देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर झेलने को मजबूर है। हरियाणा की नौकरियां हरियाणवी युवाओं को न मिलकर दूसरे राज्यों के लोगों को दी जा रही हैं। उन्होंने कहा हरियाणा की बीजेपी जेजेपी सरकार जानबूझकर ऐसी नीतियां बनाती है और भर्तियों में ऐसी खामियां छोड़ती है, जिससे भर्ती जाकर कोर्ट में लटक जाए और सरकार को भर्ती करनी ही न पड़े। इसका जीता जागता उदाहरण टीजीटी के 7471 पदों पर निकली भर्ती है। भर्ती में बैठने का मौका दिए बिना BJP-JJP ने 30,000 HTET पास युवाओं के
सर्टिफिकेट्स को रद्दी में बदल दिया। सवा 8 साल में इस सरकार ने एक भी JBT भर्ती नही निकाली। करीब 1 लाख HTET पास युवा भर्ती का इंतजार कर रहे है। सरकार HTET की वैधता आजीवन करे और खाली पड़े 38,000 पदों पर भर्ती करे।
उन्होंने कहा कि पहले सरकारी नौकरियों में हरियाणा सरकार की ओर से आर्थिक सामाजिक आधार पर 10 अतिरिक्त अंक दिए जाते थे। लेकिन बीजेपी-जेजेपी सरकार ने सोशियो इकोनॉमिक के 5 अंक अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों को भी देने का फैसला किया है। इसी तरह मौजूदा सरकार ने हरियाणा डोमिसाइल की शर्त 15 साल से घटाकर 5 साल कर दी। इसके बाद प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रश्न पत्र से हरियाणा का जीके हटा दिया ताकि हरियाणा के युवा मेरिट में ऊपर ही न आ सकें।
दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा का युवा इस सरकार से इस कदर निराश हो चुका है कि उसे बस अब चुनाव का ही इंतजार है। दीपेन्द्र हुड्डा ने याद दिलाया कि 2019 चुनाव से पहले हरियाणा में बिजली विभाग के SDO भर्ती में सामान्य वर्ग की 80 पोस्ट में से 78 पर गैर-हरियाणवी अभ्यर्थियों का चयन हुआ था। हमने जब इस मुद्दे को लगातार उठाया तब जाकर सरकार को भर्ती कैंसिल करनी पड़ी। इसी प्रकार, असिस्टेंट प्रोफेसर पॉलिटिकल साइंस पद हेतु सामान्य वर्ग की 18 पोस्ट में से 11 पोस्ट गैर-हरियाणवी लोगों को दी गई। हाल ही में हुई टेक्निकल लेक्चरर की भर्ती में सामान्य श्रेणी के 157 पदों में 100 से ज्यादा गैर-हरियाणवियों का चयन किया गया है। हैरान करने वाली बात ये है कि ग्रुप A और ग्रुप B की नौकरियों में खासतौर पर गैर-हरियाणवी लोगों का चयन किया जा रहा है।