धर्म प्रचार की लहर को प्रचंड करने व अन्य प्रबंध को लेकर मांगे सुझाव
संस्था के प्रमुख कार्यालय में हुई विशेष बैठक
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । ऐतिहासिक गुरुद्वारा साहिबान की सेवा संभाल के बाद हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी ने प्रबंध को ओर भी सुचारु ढंग से चलाने की कवायद शुरु कर दी है। इसके मद्देनजर एचएसजीएमसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध, महासचिव गुरविंदर सिंह धमीजा, कार्यकारिणी समिति मैंबर जसवंत सिंह दुनियामाजरा, बीबी रविंदर कौर अजराना, हरियाणा सरकार के डिप्टी होम सैकेटरी गगनदीप सिंह, कवलजीत सिंह अजराना, मुखत्यार सिंह व तजिंदर सिंह मक्कड़ कमेटी के प्रमुख कार्यालय में कर्मचारियों से रूबरू हुए। इस दौरान प्रचारकों, ढाडी जत्थो व अन्य कर्मचारियों का परिचय लिया गया, तत्पश्चात प्रबंध को ओर भी बढिय़ा ढंग से चलाने तथा धर्म प्रचार की लहर को प्रचंड करने के लिए सुझाव भी मांगे गए। यही नहीं, पदाधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की समस्याएं भी सुनी गई।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने कहा कि हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी सभी कर्मचारियों से तालमेल बढ़ाने के उद्देश्य से यह बैठक रखी गई है। कर्मचारियों की शंकाओं को दूर करते हुए उन्होंने कहा कि जो कर्मचारियों संस्था के अधीन कार्य करने के इच्छुक हैं, उन सभी की सर्विस निंरतर जारी रखी जाएगी और संस्था की तरफ से हर संभव सुविधा भी दी जाएगी। उन्होंने सभी कर्मचारियों से संस्था के साथ कार्य करने की रजामंदी लेते हुए उन्हें ईमानदारी व कर्मठता से अपनी ड्यूटी करने का आह्वान भी किया।
एचएसजीएमसी के महासचिव गुरविंदर सिंह धमीजा ने प्रबंध के बारे में विचार-विमर्श करते हुए कर्मचारियों से सुझाव मांगे। हरियाणा में अलग-अलग जिलों में धर्म प्रचार का कार्य करने वाले प्रचारकों ने अपने-अपने सुझाव भी दिए। इसके अलावा उन्होंने कर्मचारियों को संस्था द्वारा उच्च स्तर पर कार्य किए जाने की बात कहते हुए कुछ दिशा-निर्देश भी दिए। हरियणा सरकार के डिप्टी होम सैकेटरी गगनदीप सिंह ने कहा कि संस्था द्वारा उच्च स्तर पर कार्य किया जाएगा और बहुत ही जल्द एचएसजीएमसी की अलग पहचान बनेगी, लेकिन इसके लिए कर्मचारियों को पूरी निष्ठा से अपनी ड्यूटी करनी होगी। यदि सभी कर्मचारी एकजुट होकर समर्पित भावना से कार्य करेंगे,तांकि संस्था द्वारा न सिर्फ धर्म प्रचार का कार्य बाखूबी किया जा सकें, बल्कि कर्मचारियों के हित में भी कारगर कदम उठाए जा सकें।