भगवान श्री की प्रिय है गौ माता, गौ सेवा से मिलती है सभी कष्टों और पापों से मुक्ति : पं शिवलहरी गौतम
जयराम विद्यापीठ में चल रही भागवत कथा में हुई गौ संरक्षण पर चर्चा
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ में हरियाणा दुर्वासा सत्संग मंडल के तत्वाधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन व्यासपीठ से कथावाचक पं शिवलहरी गौतम ने कहा कि गौ भारतीय संस्कृति का आधार है। भगवान श्री कृष्ण कहते हैं- ‘धेनूनामस्मि कामधुक’-धेनुओं में मैं कामधेनु हूँ। इस प्रकार गौ को उन्होंने अपनी ही विभूति बताया व सदा ही गोरोचन का तिलक अपने मस्तक पर सुशोभित किया। परंतु फिर भी आज हमारी देसी नस्लें लुप्त होती जा रही हैं। गोवध समाज के लिए कलंक बन चुका है। इसलिए गौ संरक्षण व संवर्धन की परम आवश्यकता है। जिसके अंतर्गत देसी गाय की वृद्धि हेतु जन-जन को प्रेरित और प्रोत्साहित किया जा रहा है। कथावाचक ने श्रद्धालुओं एवं लोगों से गौमाता के संरक्षण की अपील की। कहा कि कानि च दुर्गाणि दुष्कृतानि कृतानि च। तरन्ति चैव पाएमानं धेनु ये ददति प्रभो।। अर्थात गोदान करने वाला सभी कष्टों, दुष्कर्मों और सब प्रकार के पापों से मुक्त हो जाता है। आप भी यथा सामर्थ्य धन के रूप में अपना सहयोग अर्पित कर गौ सेवा का पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। कथा में गोवर्धन पूजा की और आरती की गई व प्रसाद वितरण किया गया। कथा आयोजन से जुड़े रमेशचंद नुवाल, नेवालाल गुर्जर, जय प्रकाश कांटिया, किशन गोपाल सोमानी, रमेश चंद शर्मा, छोटू लाल शर्मा, पदमाकर पाठक, शुभकरण गगरानी, शंकरलाल झंवर, नारायण झंवर, मुरलीधर जी भगतानी, बृजमोहन वासुदेव, कहालिया भगवान, आगसुड गोपाल मंत्री, ताराचंद लखोटिया, बिना बिरला, पुष्पा लड्ढा, प्रकाश शर्मा, कृष्णा तोतला, मंजू मंत्री इत्यादि ने आरती की। इस अवसर पर के. के. कौशिक, खरैती लाल सिंगला,राजेश सिंगला, सतबीर कौशिक व रोहित कौशिक भी मौजूद रहे।