हमारे धर्म और त्योहारों का सम्मान हो तो दूसरों का भी हो
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र । ज्योति दरबार में धर्म प्रचार सत्संग के दौरान संगत को धर्म की जानकारी देते हुए महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि आज का युग आधुनिक युग है। परंतु सही मायने में आधुनिक होना क्या है, ये बताते हुए महंत ने कहा कि नग्नता आधुनिकता नहीं है। सुबह, शाम और दोपहर गुड मॉर्निंग, गुड आफ्टरनून या गुड नाईट आधुनिकता नहीं है। ये सब सिर्फ औपचारिकता करने, पैसा कमाने और दिखावे के लिए शब्द बने हुए हैं। हमारी संस्कृति के अनुसार इससे कोई लेना देना नहीं है। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना, आत्मनिर्भर बनना, अपने धर्म की जानकारी देना, सनातन के बारे समझाना और अच्छे संस्कार देना आधुनिक होना है।
महंत ने कहा कि आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है, जात पात खत्म करके सबसे पहले हिंदू बना जाए। कोई हमारे धर्म की, हमारे त्योहारों की, रीति रिवाजों की इज्जत करे तो आप भी करो। परंतु जो हमारे संस्कार और धार्मिक कार्यों को मानने से इंकार करे तो हिंदू भी बाध्य नहीं है। हमारे देश में अपने धार्मिक कार्य करने की सबको आजादी है और जब सबको आजादी है तो दुर्गा पूजा, कलश यात्रा, कावड़ यात्रा, चालीसा पड़ना और मूर्ति विसर्जन इत्यादि पर ही पथराव क्यों होता है। सबसे ज्यादा विचारणीय बात, आने वाले पीढ़ी को संस्कार और धर्म की जानकारी कैसे दी जाए। महंत ने बताया कि सिर्फ मां ही एक ऐसा जरिया है, जो हमें धर्म और संस्कार सिखा सकती है। मां ही अपने बच्चों को गोबिंद सिंह बना सकती है, मां ही भगत सिंह और झांसी की रानी बना सकती है।
महंत ने आगे कहा कि इस युग में कुछ पढ़े लिखे अज्ञानी लोग ये भ्रम फैला रहे हैं कि 33 करोड़ देवी देवता कैसे हो सकते हैं। इस पर महंत जी ने कहा कि हिंदुस्तान देवी देवताओं का देश है। ऋषि मुनियों और भक्ति का देश है। हमारे देश में मां बाप को भी भगवान का दर्जा दिया गया है। जिस भी चीज से हमें सही मार्गदर्शन मिलता हो तो भगवान का दर्जा दिया जाता है। वायु से सांस चलती है वायु देवता, आग से खाना बनता है, हवन होता है तो अग्नि देवता, इसी तरह से जल देवता। इसलिए हमें अपने वेद, धार्मिक ग्रंथ और सनातन की जानकारी होनी चाहिए। बच्चों को परिवार से ही संस्कार मिलते है।