कहा, विपरीत परिस्थितियों में भी खुश रहते है बौद्घिक दिव्यांग
दिव्यांगजनों को तिरस्कार व घृणा की दृष्टिï से न देखें
वार्षिक खेल उत्सव-2023 का किया उद्ïघाटन
रोहतक, 14 मार्च : उपायुक्त डॉ. यशपाल ने बौद्धिक दिव्यांगजनों के भोलेपन व सहजता से सीख लेने का आह्वान किया है। उपायुक्त आज राज्य पुनर्वास, प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान, रोहतक (सिरतार) में बौद्धिक दिव्यांगजनों के लिए आयोजित वार्षिक खेल उत्सव का उद्घाटन करने के उपरांत उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
डॉ. यशपाल ने कहा कि उन्होंने पिछले दिनों श्रवण संस्थान का दौरा किया था और इस दौरान दिव्यांगजनों से मुलाकात कर उनसे बातचीत भी की थी। उपायुक्त ने कहा कि बौद्धिक दिव्यांगजन विपरीत परिस्थितियों में भी खुश रहने की सीख सामान्य जनों को देते हैं। डॉ यशपाल ने कहा कि जब उन्होंने दिव्यांगजन कपिल से खाने की इच्छा के बारे में पूछा तो उसने खुश होकर जवाब दिया कि वह लड्डू और समोसे खाएगा। उन्होंने कहा कि बौद्धिक दिव्यांगजनों जैसा सीधापन व भोलापन दुनिया के अन्य श्रेणी के लोगों में नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि बौद्धिक दिव्यांगजनों के साथ कुछ समय गुजार कर उन्हें भी अलग तरह की खुशी की अनुभूति हुई।
उपायुक्त डॉ. यशपाल ने कहा कि समाज का कत्र्तव्य है कि दिव्यांगों को तिरस्कार व घृणा की दृष्टि से न देखे, उनके प्रति सहृदयता व सुहानुभूति का व्यवहार करें। उन्होंने कहा कि हमें चाहिए कि हम दिव्यांग की भावनाओं को भी समझें और उसके आत्म-सम्मान के भाव को ठेस न लगने दें, उसके साथ मित्रता तथा सहयोग का आचरण करें ताकि वे हीन-भावना से ग्रस्त न हो। डॉ. यशपाल ने कार्यक्रम में मशाल जलाकर व कबूतर उड़ा कर वार्षिक खेल उत्सव का उद्घाटन किया। अतिरिक्त उपायुक्त एवं संस्थान के निदेशक महेंद्रपाल ने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपायुक्त डॉ. यशपाल का स्वागत किया और संस्थान की गतिविधियों पर विस्तार से प्रकाश डाला। संस्थान के प्राचार्य एडी पासवान ने आए हुए मेहमानों का धन्यवाद किया।