खादी महोत्सव-2023 का 22 मार्च तक होगा आयोजन, विभिन्न खादी उत्पादों का स्टॉलों पर किया जा रहा है प्रदर्शन, प्रधानमंत्री के वोकल फॉर लोकल के विजन पर आधारित है खादी महोत्सव
कुरुक्षेत्र 16 मार्च खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने थीम पार्क ग्राउंड, कुरुक्षेत्र (हरियाणा) में राज्य स्तरीय खादी प्रदर्शनी खादी महोत्सव-2023 का आयोजन किया, जिसका उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने किया। प्रदर्शनी में हरियाणा एवं सीमावर्ती राज्यों में कार्यरत विभिन्न खादी और ग्रामोद्योग संस्थाओं, पीएमईजीपी इकाइयों द्वारा तैयार किए जा रहे खादी और ग्रामोद्योग उत्पादों की विशाल श्रृंखला को 52 स्टालों के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है। इस अवसर केवीआईसी भारत सरकार उत्तर क्षेत्र के सदस्य नागेंद्र रघुवंशी ने भी विशिष्ट अतिथि के रुप में शिरकत की। खादी महोत्सव में थानेसर विधायक सुभाष सुधा ने भी शिरकत करके इस महोत्सव की शोभा को बढ़ाने का काम किया।
इस राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा परिकल्पित वोकल फॉर लोकल के विजन पर आधारित था। कार्यक्रम की शुरुआत में खादी और ग्रामोद्योग आयोग के अध्यक्ष मनोज कुमार ने खादी कारीगरों, खादी संस्थाओं के प्रतिनिधियों, पीएमईजीपी उद्यमियों, प्रेस और मीडिया के साथ बातचीत की और खादी और ग्रामोद्योग कार्यक्रम और बेरोजगारी उन्मूलन की योजनाओं के माध्यम से रोजगार प्राप्त कर युवाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया। प्रदर्शनी के स्टॉल सरकार की पहल को गति प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस विचार को और मजबूत कर रहे हैं कि खादी विकास और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है। खादी स्वदेशी का सबसे बड़ा प्रतीक और आत्मनिर्भरता का सशक्त साधन है। आज खादी के उत्पाद बाजार की प्रतिस्पर्धा में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं, खादी की बिक्री में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। आज हर वर्ग की पसंद को ध्यान में रखते हुए खादी में नए-नए डिजाइन तैयार किए जा रहे हैं, ताकि दूर-दराज के इलाकों में खादी और ग्रामोद्योग गतिविधियों में लगे हमारे ग्रामीण कारीगरों के लिए अधिक से अधिक आय के स्रोत पैदा हो सकें।
अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। खादी और ग्रामोद्योग आयोग अपने विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बहुत कम लागत पर दूरदराज के क्षेत्रों में कारीगरों के लिए उनके दरवाजे पर रोजगार के अवसर पैदा कर रहा है। पीएमईजीपी योजना के साथ ही,ग्रामोद्योग विकास योजना के तहत कुम्हार सशक्तिकरण योजना, हनी मिशन, अगरबत्ती मेकिंग, हस्तनिर्मित कागज आदि योजनाओं के माध्यम से केवीआईसी उन्नत प्रशिक्षण और टूल किट प्रदान करके अधिक से अधिक कारीगरों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति में सुधार करने का प्रयास कर रहा है। महात्मा गांधी जी का मानना था कि खादी कार्य ही एक ऐसा कार्यक्रम है, जो गांव के आर्थिक उत्थान का साधन होने के साथ-साथ भारत की आर्थिक स्वतंत्रता का प्रतीक भी है। इसके माध्यम से देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को स्वरोजगार के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर होना चाहिए। खादी, महात्मा गांधी की विरासत, स्वाभिमान और आत्मनिर्भरता का प्रतीक है। यह एक विचारधारा और राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग द्वारा देश भर में पीएमईजीपी योजना के माध्यम से लगभग 8.40 लाख से अधिक इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनके माध्यम से लगभग 68.75 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है। हरियाणा राज्य में पीएमईजीपी योजना के तहत लगभग 9000 इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनके माध्यम से लगभग एक लाख लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है। इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में हरियाणा राज्य में पीएमईजीपी के लाभार्थियों को 84.82 करोड़ रु. की मार्जिन मनी सब्सिडी स्वीकृत की गई है, जिससे लगभग 17,000 लोगों को रोजगार मिलेगा। केवीआईसी भारत सरकार उत्तर क्षेत्र के सदस्य नागेन्द्र रघुवंशी ने कहा कि अब खादी युद्ध स्तर पर कार्य कर रही है। हमें बाजार उन्मुख उत्पादों का निर्माण करना होगा, ताकि हम सामाजिक आर्थिक उत्थान को बढ़ाने के लिए आजीविका कमा सकें। केवीआईसी ने थीम पवेलियन में चरखे पर खादी कताई का लाइव प्रदर्शन भी आयोजित किया है, जो प्रदर्शनी का एक प्रमुख आकर्षण बन गया है जो आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के कदम को भी दर्शाता है। यह राज्य स्तरीय प्रदर्शनी 22 मार्च 2023 तक खादी प्रेमियों, नए खादी ग्राहकों और आगंतुकों को आकर्षित करेगी।