नेशनल इंटीग्रेटिड मेडिकल एसोसिएशन ने मंत्री अनिल विज से कहा कि उनकी बदौलत सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों एवं उनके आश्रितों को मिलेगा लाभ
आयुष मंत्री अनिल विज आयुर्वेद को अपने कुशल प्रबंधन से ऊंचाइयों पर लेकर गए
अम्बाला में प्रदेश से अलग-अलग जिलों से आए एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आयुष मंत्री अनिल विज का धन्यवाद जताया
अम्बाला, 09 अप्रैल – हरियाणा के आयुष मंत्री श्री अनिल विज के प्रयासों से हरियाणा में आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति को मंजूरी मिली है जिसके तहत राज्य सरकार के कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को आयुष चिकित्सा पद्धति से ईलाज और दवाओं की प्रतिपूर्ति संभव हो सकेगी।
यह बात रविवार प्रात: प्रदेश के विभिन्न जिलों से अम्बाला छावनी पहुंचे नेशनल इंटीग्रेटिड मेडिकल एसोसिएशन (नीमा) के डॉक्टरों ने आयुष मंत्री अनिल विज के समक्ष कही।
एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि आयुष मंत्री अनिल विज की दूरगामी सोच के तहत इस नीति से कर्मचारियों को लाभ होगा और इसके साथ ही आयुष पद्धति को भी बढ़ावा मिलेगा। कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को पास कराने के लिए उन्होंने मंत्री अनिल विज का हार्दिक धन्यवाद जताया। उन्होंने कहा कि मंत्री अनिल विज ने अपने कार्यकाल में देश की आयुष चिकित्सा पद्धति को जोरदार तरीके से बढ़ावा दिया है और आज विश्व का पहला आयुष विश्वविद्यालय हरियाणा में स्थापित किया जा रहा है। वहीं, आयुष मंत्री अनिल विज ने कहा कि आयुर्वेद हमारी प्राचीन विद्वा है और इसको बढ़ावा देने के लिए कार्य किए जा रहे हैं ताकि हमें इसका भरपूर लाभ मिल सके।
इस अवसर पर नेशनल इंटीग्रेटिड मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. आदित्य गर्ग, डा. केसी शर्मा, डा. गुलशन राय शर्मा, डा. दिनेश अग्रवाल, डा. एन शर्मा, डा. सुधीर गुप्ता, डा. आदर्श अग्रवाल, डा. अनिल लोगिंया, डा. अनिल दुरेजा, डा. वेद प्रकाश, डा. त्रेहन, डा. मनोज शर्मा, डा. प्रमोद मित्तल, डा. सुभाष मित्तल सहित बड़ी संख्या में विभिन्न जिलों से आए डॉक्टर मौजूद रहे।
आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति के तहत यह सुविधाएं
हरियाणा सरकार ने सरकारी कर्मचारियों, पेंशनधारकों और उनके आश्रितों को बड़ी राहत देते हुए आयुष चिकित्सा प्रतिपूर्ति नीति के प्रस्ताव को पास किया गया है जिसका मकसद राज्य सरकार के सभी लाभार्थियों तक अपनी पहुंच के माध्यम से आयुष प्रणाली का उत्थान करना है। नई नीति के तहत सभी सरकारी आयुष संस्थान, निजी आयुष अस्पताल, जिनके पास एनएबीएच प्रमाणपत्र और प्रवेश स्तर के एनएबीएच प्रमाणपत्र हैं, उन्हें इस नीति के तहत सूचीबद्ध किया जाएगा। इससे आयुष निजी चिकित्सकों को बढ़ावा मिलेगा और वह अपने अस्पतालों को सूचीबद्ध करवा सकेंगे।
हरियाणा सरकार के कर्मचारी, पेंशनभोगी और उनके आश्रित राज्य सरकार के तहत आयुष सूचीबद्ध अस्पतालों में इंडोर दाखिल होकर अपनी बीमारी का इलाज करा सकते हैं। कुछ योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों की पुरानी बीमारी के रोगियों के बाह्य उपचार के दौरान भी प्रतिपूर्ति की जाएगी क्योंकि योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा अस्पतालों में बाह्य रोगियों को उपचार कराने के लिए कोई दवा निर्धारित नहीं है।
नीति के तहत निश्चित पैकेज दरों को आयुष की सभी पद्धतियों अर्थात आयुर्वेद (96 पैकेज), योग (27 पैकेज) और प्राकृतिक चिकित्सा (30 पैकेज), यूनानी (85 पैकेज), और सिद्ध (49 पैकेज) में परिभाषित किया गया है। इस नीति के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पताल कर्मचारियों से निश्चित पैकेज दरों पर शुल्क लेंगे, जिसकी प्रतिपूर्ति बाद में संबंधित विभाग को बिल जमा करने के बाद की जाएगी। कमरे का किराया भी कर्मचारी के मूल वेतन के अनुसार तय किया जाएगा, जो संबंधित अस्पताल द्वारा पात्रता के अनुसार लिया जाएगा और पूरी तरह से प्रतिपूर्ति योग्य होगा।
इन सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी के माध्यम से इनडोर दाखिल होने के दौरान गैर-पैकेज उपचार के मामले में भी कमरे के किराए की पात्रता, प्रयोगशाला दरों और प्रवेश के दौरान दी गई दवाओं की लागत के बराबर प्रतिपूर्ति की जाएगी।
इस नीति के तहत दवाओं की प्रतिपूर्ति योग्य सूची भी तैयार की जाएगी, जो निजी आयुष सूचीबद्ध अस्पतालों में इनडोर प्रवेश के दौरान पूरी तरह से प्रतिपूर्ति योग्य होगी।