किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला हरियाणा कमेटी ने : बाबा कर्मजीत सिंह
कर्मचारियों से पिंड छुड़ाने के लिए एचएसजीएमसी को बदनाम कर रही एसजीपीसी
धरना देने वाले कर्मचारी एसजीपीसी के साथ ही नौकरी करने के इच्छुक हैं : गुरविंदर सिंह धमीजा
एसजीपीसी ने हरियाणा के शिक्षण संस्थानों के स्टाफ को आठ महीनों से नहीं दिया वेतन: महासचिव
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी द्वारा किसी भी कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला गया है। अपना पिंड छुड़ाने के लिए एसजीपीसी द्वारा हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी को बदनाम करने का असफल प्रयास किया जा रहा है। एचएसजीएमसी प्रधान बाबा कर्मजीत सिंह ने यह टिप्प्णी करते हुए एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी एडवोकेट द्वारा हरियाणा से कर्मचारियों को नौकरी से हटाने के बयान पर मामले की पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जो १५ कर्मचारी एसजीपीसी श्री अमृतसर के कार्यालय में धरना दे रहे हैं, वे सभी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के अधीन ही नौकरी करने के इच्छुक है। अब उन कर्मचारियों से अपना पिंड छुडाने के लिए एसजीपीसी प्रधान अपना पल्ला झाड़ते हुए हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी को बदनाम करने के लिए एचएसजीएमसी द्वारा ७० कर्मचारियों को नौकरी से हटाने की बात कह रहे हैं, जबकि सच्चाई कुछ ओर ही है। बाबा कर्मजीत सिंह ने बताया कि ये वे कर्मचारी हैं,जिनकी ड्यूटी गुरुद्वारा श्री नाडा साहिब पातशाही दसवीं पंचकूला में थी, मगर वे सभी एसजीपीसी के साथ काम करना चाहते हैं। परंतु एसजीपीसी उनकी नौकरी जारी रखने की बजाए एचएसजीएमसी का कसूर निकाल रही है।
इस मामले पर बातचीत करते हुए एचएसजीएमसी महासचिव गुरविंदर सिंह धमीजा ने बताया कि जिन कर्मचारियों का जिक्र कर एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर सिंह धामी एडवोकेट राजनीति कर रहे हैं, वे सभी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी श्री अमृतसर के अधीन ही कार्य करने के इच्छुक है। इसलिए वे सभी अमृतसर गए थे, लेकिन एसजीपीसी द्वारा उनकी कोई भी सुनवाई नहीं की गई, इसलिए अब वे धरने पर बैठे हैं। मगर एसजीपीसी द्वारा अब इस मुद्दे पर हरियाणा कमेटी का नाम बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब हरियाणा कमेटी द्वारा राज्य के गुरुद्वारा साहिबान की सेवा संभाल की गई थी, तो सभी कर्मचारियों से उनके साथ कार्य करने या न करने का विकल्प दिया गया था, मगर धरना दे रहे कर्मचारियों ने एसजीपीसी के साथ ही काम करने की इच्छा जताई गई थी।
एक प्रश्र का जवाब देते हुए गुरविंदर सिंह धमीजा ने कहा कि आज एसजीपीसी प्रधान द्वारा हरियाणा के कर्मचारियों के साथ हमदर्दी जताई जा रही है, लेकिन उस समय उनकी हमदर्दी व स्नेह कहां गया था, जब एचएसजीएमसी द्वारा हरियाणा के शिक्षण संस्थानों के स्टाफ का 8 महीनों का वेतन ही नहीं दिया गया। फरवरी महीने में हरियाणा कमेटी द्वारा सेवा संभाल ली गई और एचएसजीएमसी द्वारा पिछले आठ महीनों का वेतन भी शिक्षण संस्थानों के स्टाफ को दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी द्वारा दुष्प्रचार किया गया था कि हरियाणा कमेटी तीन महीनों का वेतन भी कर्मचारियों को नहीं दे पाएगी, मगर एचएसजीएमसी द्वारा १ मार्च को ही फरवरी महीने का वेतन सभी कर्मचारियों को दे दिया गया था और अब मार्च महीने का वेतन भी दे दिया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा कमेटी का कोई भी कर्मचारी भूखा नहीं सोएगा।