अरुणा-वरुणा-सरस्वती संगम घाट के निर्माण कार्य की रखी नींव
करीब 400 साल पुराने प्राचीन घाट का किया जा रहा है जीर्णोद्घार
नदियों के संगम का वर्णन आज भी दर्ज है गांव के राजस्व रिकार्ड में
न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र। हरियाणा सरस्वती धरोहर विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष धुमन सिंह ने कहा कि पिछले वर्ष अरुणाय में सरस्वती चैनल के प्रवाह क्षेत्र में अरुणा-वरुणा-सरस्वती नदियों के संगम स्थल पर एक प्राचीन घाट मिला था, जिसके अंदर खुदाई के दौरान 3 प्रकार की मिट्टी मिली थी। इस घाट की जांच करने पर पाया गया था कि यह करीब 400 साल पुराना घाट है। पौराणिक काल में इस संगम का घाट का निर्माण अरुणाय में मौजूद संगमेश्वर जी महाराज ने स्वयं करवाया था। उपाध्यक्ष धुमन सिंह किरमच अरुणाय में पौराणिक घाट के जीर्णोद्घार कार्य के शुभारंभ के दौरान बातचीत कर रहे थे।
इससे पहले उपाध्यक्ष धुमन सिंह ने विधिवत रुप से नींव में इंट लगार इस घाट के जीर्णोद्घार कार्य का शुभारंभ किया। उपाध्यक्ष ने कहा कि सरकार का पूरा फोकस है कि सरस्वती नदी के चैनल में पडऩे वाले सभी पौराणिक व ऐतिहासिक धरोहरों का विकास किया जाए और इनको पर्यटन की दृष्टिï से विकसित किया जाए। इस कड़ी में अरुणाय में मौजूद पौराणिक घाट के नवनिर्माण और जीर्णोद्घार का कार्य शुरु किया गया है।
इस घाट की खुदाई के दौरान तीन प्रकार की मिट्टी मिली थी, जो कि प्राचीन सरस्वती नदी में पाई जाने वाली मिट्टी के जैसी ही थी। उन्होंने कहा कि इस घाट पर अरुणा-वरुणा-सरस्वती नदी के संगम का वर्णन गांव के रेवेन्यू कोर्ट में भी आज भी दर्ज है। लेटेस्ट जमाबंदी में आज भी संगम 8 कनाल 7 मरले दर्ज है जिसकी फरद भी सरस्वती बोर्ड ने निकलवाकर कर इस घाट का विकास करवाने का कार्य किया जा रहा है।