Friday, November 22, 2024
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मन से बुरे विचारों को निकालकर अच्छे विचारों को स्थान दें। बीके ओंकार चंद भाई 

by Newz Dex
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‘अच्छी सोच से अच्छे दिन’ विषय पर हुई परिचर्चा

न्यूज डेक्स संवाददाता

शाहाबाद। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से अटारी कॉलोनी में स्थित सेवाकेंद्र पर चल रहे खुशियाँ आपके द्वार विषय पर आयोजित 11 दिवसीय राजयोग मैडिटेशन शिविर के चोथे दिन रविवार को माउंट आबू से पधारे विख्यात मोटिवेशनल वक्ता प्रो बीके ओंकार चंद भाई ने कहा कि हम जीवन में सकारात्मक सोच के साथ आगे बढें, हो सकता है कि जिंदगी के अगले मोड़ पर खुशियां हमारा इंतजार कर रही हों। कुछ भी हो जाये हमें नेगेटिव सोचना ही नहीं हैं। अगर हम पॉजिटिव सोचने की आदत डाल लेंगे तो जीवन की हर बात, हर घटना हमें फायदा देने वाली बन जाएगी। फिर बहुत सारी चुनौतियों के बीच में रहते हुए भी, उलझनों और परेशानियों से जूझते हुए भी मन अशांत नहीं होगा। आगे बढ़ने का एक दरवाजा तो बंद हो सकता है पर यदि उस वक्त मायूस नहीं हुए और मन में अच्छे विचार डालते रहेंगे तो जल्दी ही आगे बढ़ने के 10 दूसरे दरवाजे खुल जायेंगे।

उन्होंने कहा कि हमें मन की साधना करनी होगी। क्योंकि यदि मन सध गया तो सब कुछ सध गया। मन चंगा तो कठौती में गंगा होगी। मन में अच्छे-बुरे दोनों तरह के विचार आते हैं। समझदार शख्स अच्छे विचारों में मन लगाता है, बुरे विचारों को मन से निकाल देता है। मन की सफाई हमें वैसे ही करनी चाहिए जैसे घर की सफाई की जाती है। जैसे घर को सजाने में ध्यान देते हैं, मन को सजाने में भी दें। अक्सर घर तो सजे रहते हैं, लेकिन मन की संभाल न करने के कारण मन बुरे विचारों और नकारात्मकता से भर जाता है। अपने मन को घर का स्टोर या कूड़ेदान न बनने दें। उसे ध्यान और योग में लगाएं। इससे मन में ताजा, खुशगवार और सकारात्मक विचारों के लिए जगह बनेगी। जब भी कोई नकारात्मक विचार आए, उसे मन में घर न करने दें, क्योंकि वह एक बुरा विचार पूरे मन पर हावी होकर आपको दुखी कर देगा।

 ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र की संचालिका बीके नीति बहन ने कहा कि वर्तमान में रहने की कोशिश करें। जो बीत गया है उस के बारे में विचार कर दुखी न हों और जो होने वाला है उस की सोच में डूबने के बजाय जो आज है उस का आनन्द लें। जीवन में नकारात्मकता को स्थान न दें तो खुशियां हमेशा आपके पास होंगी। जब हम अपने मन को समझ जाते हैं तो हमें मालूम पड़ता है कि हमारे कष्टों व दुखों का मूल कारण है अन्दर छिपे हुए विकार। सकारात्मक सोच वर्तमान समय की मांग है। अगर हम अपने स्वभाव को बदल लें कि हमें सकारात्मक सोचना है तो जीवन अपने आप बदल जाता है। इससे आपका तनाव दूर हो जाएगा।

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