न्यूज डेक्स इंडिया
दिल्ली। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में सरदार पटेल के अधूरे काम को पूरा किया है। आज यहां नई दिल्ली में “एक भारत श्रेष्ठ भारत” समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने आजादी के बाद के भारतीय संघ के गठन के लिए 560 से अधिक रियासतों के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
दुर्भाग्य से, श्री पटेल को जम्मू- कश्मीर को संभालने की अनुमति नहीं दी गई, क्योंकि तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू यह सोचते थे कि वह जम्मू-कश्मीर को बेहतर जानते थ । उन्होंने कहा कि बाद में, नेहरू ने भी एकतरफा युद्धविराम की घोषणा की और इस तरह भारतीय सेना को पाक घुसपैठियों से वर्तमान ‘पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर’ (पीओजेके) को वापस लेने से रोक दिया। कहा कि यदि सरदार पटेल को छूट दी गई होती, तो भारतीय उपमहाद्वीप का इतिहास कुछ और ही होता। उन्होंने कहा कि तब पीओजेके न होकर पूराजम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा होता और यह मुद्दा इतने दशकों तक लटका नहीं रहता।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और 35ए की विसंगति 70 से अधिक वर्षों तक बनी रही और देश को प्रधान मंत्री मोदी के आने और कार्य प्रणाली में सुधारकरने के लिए इंतजार करना पड़ा। इसमें ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का महत्व निहित है और यह एक संयोग है कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का विजन 31 अक्टूबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित किया गया था, जो कि सरदार वल्लभभाई पटेल की 140वीं जयंती थी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 की आड़ में जो लोग इस अनुच्छेद के समर्थक थे, वे वास्तव में स्वयं को सत्ता में बनाए रखने के लिए इसका दुरुपयोग कर रहे थे। उन्होंने पूछा कि अन्यथा, दहेज निषेध अधिनियम 1961, बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 आदि सामाजिक सुधारों को वोट बैंक के लिए समाज के कुछ वर्गों को खुश करने के लिए प्रयास नहीं था तो उसका राजनीतिक औचित्य क्या था।