Friday, November 22, 2024
Home haryana केडीबीः चिट्ठी आई है, आई है, करते रहे इंतजार, कइयों का सपना बरकरार,तो केयू की महिला को मिलेगा अवसर…

केडीबीः चिट्ठी आई है, आई है, करते रहे इंतजार, कइयों का सपना बरकरार,तो केयू की महिला को मिलेगा अवसर…

by Newz Dex
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राजनेता के चहेते ने कहा कि केयू की महिला मिलने जा रहा है अगला मौका

केडीबी भी विदेश में जाकर मना रहा है गीता महोत्सव,सदस्यों एवं मानद सचिव का हो चुका है कार्यकाल खत्म

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। आखिरकार आज कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के मानद सचिव का कार्यकाल खत्म हो गया और राजनेता के चहेते जिस महिला के मानद सचिव बनने की चिट्टी मंगलवार तक पहुंचने का दम भर रहे थे वह भी नहीं पहुंची। फिर भी हुंकार बाकी है। पूछने पर बताया है कि भले महिला के मानद सचिव बनने की चिट्ठी ना पहुंची हो,मगर दुबारा कार्यकाल बढ़ाने के आदेश तो पुराने मानद सचिव के भी नहीं आए। यानी इनका कहना है कि आज मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा का कार्यकाल 18 अप्रैल 2023 को खत्म हो चुका है और इस पद पर अगला कार्यभार महिला को ही मिलेगा।

इस दावे में कितना दम है,इसका खुलासा तो सरकार द्वारा कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के नए मानद सचिव के पदभार संभालने की चिट्टी के बाद ही होगा। वैसे चिट्ठी से पहले आज नई जो बात सामने आई है वह दावे के अनुसार जिसे कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड का अगला मानद सचिव बनाया जा रहा है,वह कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से बताया जा रहा है। यानी अब तक मानद सचिव पद पर बदलने की अटकलबाजी के अलावा पिछले दिनों जो अगली कमान किसी महिला को सौंपने की बात सामने आई थी,उस पर दावा अभी बरकरार है। साथ ही इस दावे के साथ अगली बात यह बताई जा रही है कि महिला राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भाजपा में आस्था रखने वालीं हैं। अगर दावे में सच्चाई है तो यकीनन मदन मोहन छाबड़ा के लिए खतरे की घंटी है।

फिलहाल कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के 10 सदस्यों के नाम फाइनल करके भेजे जा चुके हैं,इन पर भी मुहर लगनी है,क्योंकि कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल खत्म हुए दो माह बीत चुके हैं और आज मानद सचिव का भी कार्यकाल खत्म हो गया है। इधर कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड अपने गैर सरकारी सदस्यों और मानद सचिव के कार्यकाल खत्म होने के साथ आस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव आयोजित कर रहा है। यह महोत्सव 28 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा। वहीं अहम पहलू यह भी है कि जब सरकार को कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की गतिविधियों जारी रखने के लिए इसमें अहम भूमिका निभाने के लिए सरकारी अमले के अलावा 10 गैर सरकारी सदस्य और मानद सचिव का प्रावधान रखा है तो इतने बड़े महोत्सव से पहले यह सभी नाम फाइनल क्यों नहीं हुए।

अगर समय रहते अगर दस गैर सरकारी सदस्यों को नाम फाइनल किए जाते तो इन्हें आस्ट्रेलिया में आयोजित इंटरनेशनल गीता महोत्सव में भागीदारी करने का अवसर मिल सकता था। वहीं अगर मानद सचिव मदन मोहन छाबड़ा की जगह कोई दूसरे चेहरे पर इस इंटरनेशनल महोत्सव के बाद मुहर लगती है तो इस उत्सव में भागीदारी न निभा सकने का मलाल लाजिमी होगा। केडीबी के जानकार बताते हैं कि सरकार चाहे पुराने को एक बार फिर अवसर दे या नये चेहरे को मौका दे,उसका कार्यकाल एक एक साल का नहीं होना चाहिए। कम से कम दो या तीन साल कार्यकाल आवश्य हो।

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