Friday, November 22, 2024
Home Kurukshetra News आयुष यूनिवर्सिटी के एकेडमिक प्लानिंग बोर्ड की पहली बैठक संपन्न, हरियाणा के राज्यपाल ने शिक्षा व शोध कार्यों की गुणवत्ता को विश्व स्तरीय बनाने के लिए बोर्ड में प्रतिनिधि किये हैं नियुक्त

आयुष यूनिवर्सिटी के एकेडमिक प्लानिंग बोर्ड की पहली बैठक संपन्न, हरियाणा के राज्यपाल ने शिक्षा व शोध कार्यों की गुणवत्ता को विश्व स्तरीय बनाने के लिए बोर्ड में प्रतिनिधि किये हैं नियुक्त

by Newz Dex
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न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र, 29 जुलाई। हरियाणा के राज्यपाल सत्यनारायण आर्य ने श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय की शिक्षा व शोध कार्यों की गुणवत्ता को विश्व स्तरीय बनाने के लिए विभिन क्षेत्रों के विद्वत लोगों को एकेडमिक प्लैनिंग बोर्ड में अपने प्रतिनिधि नियुक्त किया है। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बोर्ड में पूर्व कुलपति डॉ. ओपी अरोड़ा,  इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर के कुलपति प्रोफ़ेसर एस के गखड़, नेशनल मेडिसिनल प्लांट बोर्ड के मुख्य कार्य अधिकारी डॉ जेएलएन शास्त्री, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेद जयपुर के प्रोफेसर पवन गोदतवार, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ आई एस एम के डॉ मनोज कुमार, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ आयुर्वेदा जयपुर के प्रोफेसर मीता कोटेचा व पंचकूला जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ दिलीप कुमार मिश्रा शामिल है।        इस संबंध में श्री कृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के एकेडमिक प्लानिंग बोर्ड की पहली मीटिंग वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता कुलपति डॉ बलदेव कुमार ने की। उन्होंने बताया कि मीटिंग में आयुष विश्वविद्यालय में एक विश्वस्तरीय शोध वअनुसंधान विभाग बनाने के लिए सभी सदस्यों ने कई सुझावों दिए। इस पर उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में एक ऐसे आधुनिक शोध संस्थान का निर्माण किया जाएगा जोकि आयुष चिकित्सा प्रणाली को विश्व पटल पर आगे बढ़ाने में अपना योगदान देगा । डॉ जेएलएन शास्त्री ने कहां कि विश्वविद्यालय के शोध कार्यों में आयुष विशेषज्ञों के साथ कुछ एलोपैथिक डॉक्टर को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए तथा उन्होंने आयुर्वेद आधारित नए कोर्स को प्रारम्भ करने का भी सुझाव दिया। प्रोफेसर मीता कोटेचा ने हेल्थ टूरिज्म की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसके लिए हर्बल गार्डन, पंचकर्म थेरेपी व आयुर्वेदिक सर्जरी एक महत्त्वपूर्ण विधा हो सकती है।         डॉ ओमप्रकाश अरोड़ा ने कहा कि आयुर्वेद में बेसिक व मॉडर्न  विज्ञान का समावेश कर हम आयुर्वेद की विशेषता को विश्व पटल पर ले जा सकते हैं l उन्होंने प्रस्तावित शोध विभाग में अनुभवी रिसर्च वैज्ञानिकों को जोड़ने का भी सुझाव रखा। डॉ पवन गोदतवार ने सुझाव दिया कि आधुनिक मॉलिक्यूलर बायोलॉजी की रिसर्च लैब भी इस शोध विभाग में होनी चाहिए l प्रोफेसर एस के गखड़ वाइस चांसलर इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी मीरपुर ने आयुर्वेदिक व आयुष रिसर्च में इस शोध संस्थान की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए कहां कि ऐसे विभागों के माध्यम से हम आयुर्वेद को और अधिक प्रमाणिकता के साथ रख सकते हैं। उन्होंने आयुर्वेद पर आधारित नये स्नातकोत्तर कोर्स जैसे कि मास्टर डिग्री इन मेडिसिनल प्लांट व आयुर्वेद आधारित बायो टेक्नोलॉजी आदि विषयो को विश्वविद्यालय में प्रारंभ करने का सुझाव दिया और संबंधित प्राध्यापकों की नियुक्ति की सलाह दी।        एकेडमिक प्लानिंग बोर्ड की आज की मीटिंग में डॉ  असित पांजा को विशेष  आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि लिटरेरी रिसर्च में साहित्य आचार्य व व्याकरण आचार्य के पद होने चाहिए तथा विश्वविद्यालय को आयुर्वेद शोध के लिए 5 वर्षों का विजन कार्यक्रम तय करना चाहिए l विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा ने मीटिंग उपस्थित सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। मीटिंग का संचालन प्रोफेसर आशीष मेहता डीन अकेडमिक ने किया | मीटिंग में आयुष विश्विद्यालय के डॉ राजेंद्र सिंह ओएसडी वाइस चांसलर, डॉ रजनी कांत शर्मा व मनीष कुमार उपस्थित थे l       

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