Sunday, November 24, 2024
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वाई20 प्री-समिट का उद्घाटन सत्र आज लेह स्थित सिन्धु संस्कृति केन्द्र में आयोजित किया गया

by Newz Dex
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देश की जनता जी-20 की भारत की अध्यक्षता को बहुत हर्ष, खुशी और गर्व के साथ ग्रहण कर रही है: श्री ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा

युवा आज भारत और दुनिया भर में होने वाले विभिन्न घटनाक्रमों का प्रत्यक्ष रूप से मार्गदर्शन कर रहे हैं: श्रीमती मीता राजीव लोचन

न्यूज़ डेक्स इंडिया

नई दिल्ली । वाई20 प्री-समिट का उद्घाटन सत्र आज लेह स्थित सिन्धु संस्कृति केन्द्र में आयोजित किया गया। इस सत्र का उद्घाटन लेह-लद्दाख के उपराज्यपाल श्री ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में श्री ताशी ग्यालसन, मुख्य कार्यकारी पार्षद; श्री जामयांग त्सेरिंग नामग्याल, सांसद, लद्दाख; श्री उमंग नरूला, उपराज्यपाल के सलाहकार; श्रीमती मीता राजीवलोचन, सचिव (युवा कार्यक्रम); श्री नागराज नायडू काकनूर, संयुक्त सचिव, विदेश मंत्रालय; और श्री अनमोल सोवित, वाई20 के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।

लेह-लद्दाख के उपराज्यपाल श्री ब्रिगेडियर (डॉ.) बी.डी. मिश्रा (सेवानिवृत्त) ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में जी20 की परिकल्पना साकार हुई। उन्होंने यह भी कहा कि इस देश के युवा बुद्धिमान, प्रतिबद्ध, समर्पित हैं और आगे का रास्ता जानते हैं। वे अपनी क्षमताओं के कारण देश का भविष्य हैं। उन्होंने लद्दाख के लोगों की ओर से समुद्र तल से 11000 फीट की ऊंचाई पर स्थित भारत के सबसे ऊंचे मिलन स्थल पर आयोजित इस समिट में शामिल होने वाले सम्मानित प्रतिनिधियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत में “अतिथि देवो भव” की भावना का पालन किया जाता है और हम अपने अतिथि को भगवान के रूप में मानते हैं। इस देश के लोग जी-20 की भारत की अध्यक्षता को बहुत हर्ष, प्रसन्नता और गर्व के साथ ग्रहण कर रहे हैं। उन्होंने जी-20 देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की और कहा, “आपकी यह यात्रा न केवल स्वागत योग्य है, बल्कि यह हमारे पूरे देश और इस देश में रहने वाले सभी लोगों, चाहे वह किसी भी सामाजिक स्तर, आर्थिक गतिविधियों, भावनात्मक स्तर या औपचारिक अवसरों से जुड़ा हो, के लिए भी लाभदायक है।” उन्होंने अतिथि प्रतिनिधियों को लद्दाख की जीवन शैली से परिचित कराने हेतु लद्दाख की संस्कृति, भोजन और परंपराओं पर प्रकाश डाला। इनमें लद्दाख के पहाड़ी परिदृश्यों की सुंदरता, शिशुओं के लिए आंगनवाड़ी या आंगन आश्रय, लद्दाखी महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित हस्तकला एवं हथकरघा, पश्मीना ऊन, लकड़ी की नक्काशी, लद्दाख की बागवानी विरासत के हिस्से के रूप में खुबानी, सी बकथॉर्न, आइस-हॉकी और आइस क्लाइम्बिंग, आइस स्केटिंग, स्कीइंग एवं फ्रोजेन लेक मैराथन आदि जैसी शीतकालीन खेल गतिविधियां शामिल हैं।

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