असीम पांचवी बार लोक उपक्रम समिति और वरुण दूसरी बार लोक लेखा समिति के चेयरमैन बने
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
अंबाला । हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष (स्पीकर) ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा गत दिवस मौजूदा वित्त-वर्ष 2023-24 के लिए विधानसभा की कमेटियों (समितियां ) का गठन किया गया है जिसमे अम्बाला शहर विधानसभा हलके से दूसरी बार भाजपा से निर्वाचित विधायक असीम गोयल नन्यौला को लगातार पांचवीं बार सदन की स्थायी एवं वित्तीय समिति – लोक उपक्रमों संबंधी समिति (कमेटी ऑन पब्लिक अंडरटेकिंग्स ) का चेयरमैन बनाया गया है.वहीं अम्बाला जिले के मुलाना ( आरक्षित) विधानसभा हलके से पहली बार निर्वाचित कांग्रेस विधायक वरूण चौधरी, जो प्रदेश के पूर्व मंत्री फूल चंद मुलाना के सुपुत्र हैं, को भी सदन की एक अन्य स्थायी एवं वित्तीय कमेटी लोक लेखा समिति ( पब्लिक अकाउंट कमेटी ) का दूसरी बार चेयरमैन बनाया गया है.शहर निवासी पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि गत वित्त वर्ष 2022-23 में ऐसा पहली बार हुआ कि हरियाणा विधानसभा की 3 वित्तीय समितियों में से 2 के चेयरमैन अंबाला जिले से विधायक थे – एक सत्ताधारी पार्टी से और दूसरा प्रमुख विपक्षी दल से. मौजूदा वित्त वर्ष 2023-24 में भी गत वर्ष प्रारंभ की गयी उपरोक्त व्यवस्था को बरकरार रखा गया है.हालांकि लोक उपक्रमों संबंधी समिति के साथ साथ शहर विधायक असीम गोयल को विधानसभा स्पीकर द्वारा विधायकों की प्रोटोकॉल अवहेलना और सरकारी अधिकारियों द्वारा विधायकों के साथ तिरस्कारपूर्ण व्यवहार की जांच करने सम्बन्धी कमेटी का चेयरपर्सन भी बनाया गया है जो पद उन्हें गत वर्ष जून, 2022 में प्रदान किया गया था. ज्ञात रहे कि इस कमेटी की कमान मिलने के बाद असीम ने सदन की प्रिविलेज कमेटी ( विशेषाधिकार समिति ) की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया था.. हेमंत ने बताया कि बेशक मुलाना हलके से कांग्रेसी विधायक वरुण चौधरी विधानसभा को ताजा गठित लोक लेखा समिति का चेयरमैन बनाया गया है परंतु इस कमेटी मे वर्चस्व भाजपा और विधायकों का ही है जिनकी संख्या 4 (सीमा त्रिखा, राम कुमार कश्यप, नरेन्द्र गुप्ता और भव्य बिश्नोई ) है, वहीं एक जजपा (जोगी राम सिहाग ) और एक भाजपा को समर्थन देने वाला निर्दलीय (रणधीर सिंह गोलन) विधायक है. जबकि वरूण को मिलाकर कांग्रेस के 3 विधायक (अमित सिहाग और सुरेन्द्र पंवार ) हैं. बहरहाल, हेमंत ने बताया कि असीम हरियाणा में पिछली खट्टर सरकार के दौरान भी मंत्री या किसी सरकारी पद पर आसीन नहीं हो पाए थे हालांकि तत्कालीन विधानसभा स्पीकर कँवर पाल गुर्जर (जो अब प्रदेश के शिक्षा मंत्री हैं ) द्वारा उन्हें सदन की शहरी स्थानीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओ के विषय पर बनी कमेटी का चेयरमैन बनाया किया गया था. असीम को मौजूदा भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार का साढ़े तीन वर्ष का कार्यकाल बीत जाने के बाद मंत्री पद या सरकारी बोर्ड या निगम आदि का चेयरमैन नहीं बनाया गया है.