न्यूज़ डेक्स राजस्थान
जयपुर। सूडान में फंसे हुए भारतीयों के स्वदेश लौटने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। दोपहर बाद दिल्ली के पालम एयरफोर्स स्टेशन एयरपोर्ट पहुंची सी17 ग्लोबलमास्टर फ्लाइट से आए राजस्थान के 24 प्रवासी राजस्थानीयों को एयरपोर्ट स्थित राजस्थान हेल्प डेस्क पर रिसीव किया गया जहां राजस्थान के इन लोगों का मुख्य आवासीय आयुक्त एवं अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह एवं राजस्थान फाउंडेशन के कमिश्नर और आवासीय आयुक्त श्री धीरज श्रीवास्तव ने फूल मालाओं से स्वागत किया तथा उन्हें उनके घरों तक पहुंचाने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की।
श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि पालम एयर फोर्स स्टेशन पर पहुंचे इन 24 प्रवासी राजस्थानीओ में बाड़मेर, भरतपुर, नागौर, अजमेर, उदयपुर, जोधपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, टोंक और झुंझुनू के निवासी शामिल है। उन्होंने बताया कि इन लोगों को राज्य सरकार द्वारा अपने खर्चे से कारों के माध्यम से उनके गंतव्य तक पहुंचाने और खानपान की सारी व्यवस्थाएं की गई है। उन्होंने बताया कि एयरपोर्ट पर कार्यरत हमारी टीमों के द्वारा संबंधित जिलों के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर इन्हें सकुशल घर पहुंचाने का सारी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है।
श्री धीरज श्रीवास्तव ने कहा मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देश पर दिल्ली और मुंबई एयरपोर्ट पर हेल्प डेस्क के साथ-साथ आने वाले प्रवासियों को घर तक पहुंचाने के लिए सभी संबंधित सुविधाओं का बेहतरीन इंतजाम किया गया है।
उन्होंने बताया कि विदेश मंत्रालय और राजस्थानी फाउंडेशन के प्रयासों से हमें मिली सूचना के आधार पर करीब 65 के आसपास प्रवासी राजस्थानी सूडान में फंसे होने की सूचना मिली थी। इनमें से 62 प्रवासी राजस्थानीओ को राजस्थान सरकार के सहयोग से उनके परिवारजनों तक पहुंचाने की व्यवस्था कि जा चुकी है। आगे भी हमारी टीमें तैनात रहेंगी तथा जो भी राजस्थानी आएंगे उन्हें सकुशल घर पहुंचाया जाएगा।
नई दिल्ली में राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी शिवराम मीना ने बताया कि दिल्ली के अलग-अलग हवाई अड्डों पर पहुंचने वाली फ्लाइटों में सूडान से आने वाले राजस्थानीओ को सभी सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए उप आवासीय आयुक्त श्रीमती रिंकू और सहायक आवासीय आयुक्त श्री मनोज सिंह के समन्वय में दो टीमों का गठन किया गया है, जो इन प्रवासी राजस्थानीओ को कार, ट्रेन और फ्लाइटों के माध्यम से उनके गंतव्य तक भेजने का काम देख रहे हैं।