न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र 2 नवम्बर । देश में फैली कोरोना महामारी ने समाज के प्रत्येक वर्ग की कमर तोड़ कर रख दी। पिछले आठ माह से देश की तमाम गतिविधियों पर कोरोना महामारी का गहरा असर हुआ है, जिससे न केवल सामाजिक परिस्थितियों पर प्रभाव पड़ा, बल्कि आर्थिक व्यवस्था भी डगमगा गई। कलाकार वर्ग भी कोरोना के प्रभाव से अछूता नहीं रहा और अपनी प्रतिभा के दम पर रोजी रोटी चलाने वाले कलाकारों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
ऐसे में हरियाणा प्रदेश के लोक कलाकारों को सांस्कृतिक कार्यक्रम न मिलने के कारण आ रही कठिनाई को देखते हुए हरियाणा कला परिषद द्वारा डिजिटल कार्यक्रम प्रारम्भ किए गए, जिसमें वर्तमान तक विभिन्न विधाओं के कलाकारों को मंच मिला है। कला परिषद के रोहतक मण्डल से प्रारम्भ हुए डिजिटल मंच कार्यक्रम में लोक कलाकारों द्वारा दी जा रही सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से न केवल कलाकारों का मनोबल बढ़ रहा है, अपितु प्रदेश की संस्कृति को भी बढ़ावा मिल रहा है।
इसी तर्ज पर हरियाणा कला परिषद मुख्यालय में भी साप्ताहिक आनलाईन कार्यक्रम प्रारम्भ हुए। साप्ताहिक कार्यक्रमों की कड़ी में हरियाणा कला परिषद द्वारा प्रदेश के 54वें स्थापना दिवस के मौके पर तीन अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसमें हरियाणा दिवस की पूर्व संध्या पर हरियाणवी ठहाके कार्यक्रम आयोजित हुआ, वहीं 1 नवम्बर को कला कीर्ति भवन में एसोसिएशन आफ हरियाणवीज इन आस्ट्रेलिया व हरियाणा कला परिषद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न देशों में बसे हरियाणावासियों ने हिस्सा लिया। हरियाणा दिवस का समापन चण्डीगढ़ में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से हुआ, जिसमें कला एवं संस्कृति मंत्री कंवर पाल बतौर मुख्यअतिथि पहुंचे। राष्ट्रीय कला मंच व हरियाणा कला परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में हरियाणा महिला विकास निगम की अध्यक्षा बबीता फौगाट व हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन विशिष्ट अतिथि के रुप में उपस्थित रहे।
कोराना काल में कलाकारों को कला परिषद ने दिया 35 लाख रुपये मानदेय
हरियाणा दिवस के मौके पर हरियाणा कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने कोरोना महामारी के कारण कलाकार वर्ग पर आए संकट पर दुख प्रकट करते हुए कहा कि कलाकार वर्ग की आजीविका उनकी प्रतिभा के माध्यम से ही चल पाती है। किंतु कोरोना महामारी में कलाकारों की प्रतिभा-प्रदर्शन का माध्यम बंद होने से कलाकारों पर गहरा असर पड़ा है। हरियाणा कला परिषद द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के मानदेय का भुगतान भी कोरोना महामारी के कारण नहीं हो पाया था।
किंतु प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार कला परिषद द्वारा लगभग 35 लाख रुपये कलाकारों को मानदेय स्वरुप अदा किए गए। जिसकी कलाकारों ने भरपूर सराहना करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री का आभार भी जताया। संजय भसीन ने बताया कि हरियाणा कला परिषद द्वारा प्रारम्भ किए गए आनलाईन कार्यक्रमों में भी कला परिषद द्वारा प्रदेश के लोक कलाकारों को मंच दिया जा रहा है।
कला परिषद के माध्यम से घर-घर पहुंची सांस्कृतिक लहर
संजय भसीन ने कला परिषद द्वारा पूर्व में आयोजित कार्यक्रमों के संदर्भ में विस्तार से बताते हुए कहा कि गत तीन वर्षों में हरियाणा कला परिषद ने कला के नए आयाम स्थापित किये हैं। अन्य प्रदेशों में हरियाणा की गिनती केवल कृषि प्रधान प्रदेश होने के कारण होती थी, किंतु हरियाणा कला परिषद के प्रयासों से हरियाणा को सांस्कृतिक प्रदेश के रुप में पहचान मिली है। उन्होंने बताया कि हरियाणा के स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान कला परिषद द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से प्रदेश के प्रत्येक कलाकार को पहचान दी गई। कला के सभी क्षेत्रों को छूते हुए कला परिषद द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में जहां एक ओर सात-सात दिवसीय आयोजन कर कलाकारों को बढ़ावा दिया, वहीं रंगमंच विस्तार में तीन दिवसीय नाट्य उत्सवों, रंगमंच कार्यशालाओं के माध्यम से भी रंगकर्मियों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया। इसके अतिरिक्त प्रदेश में मण्डल स्तर पर हरियाणवी नृत्य व रागनी प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें विजेता प्रतिभागियों को एक लाख, 75 हजार, 50 हजार रुपये तक पुरस्कार दिया गया। वहीं विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के साथ मिलकर प्रदेश के प्रत्येक कोने में सांग कार्यक्रमों का आयोजन करवाया गया। इसके अलावा प्रदेश में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय भारंगम उत्सव का आयोजन किया गया। वहीं प्रदेश के अधिकतर गांवों में नुक्कड़ नाटक आयोजित कर लोगों को सामाजिक विषयों के प्रति जागरुक किया गया। ललित कला के क्षेत्र में अलग-अलग प्रतियोगिताओं तथा प्रदर्शनियों के द्वारा चित्रकला को बढ़ावा दिया गया। इतना ही नहीं गत वर्ष ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान विद्यालय स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित कर प्रदेश के समस्त जिलों के सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों को कला के गुर सिखाए गए। गुरुग्राम के किंग्डम आफ ड्रिम्स तथा रोहतक में अंतर्राष्ट्रीय नृत्य उत्सव का आयोजन किया गया, जिसमें 25 देशों के कलाकारों ने अपने देश की संस्कृति की छटा बिखेरी। इसके अलावा अलग अलग त्यौंहारों के अवसर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें लोहड़ी व होली मुख्य रुप से चर्चा में रहे। हरियाणवी मखौल कार्यक्रम, लोकगीत कार्यक्रम व हरियाणवी नाटकों ने भी कला को विस्तार देने में सहयोग दिया।
कला परिषद सदैव कलाकारों के हित के लिए अग्रसर हैः संजय भसीन
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कला परिषद के निदेशक संजय भसीन ने कहा कि हरियाणा कला परिषद कलाकारों के हित के लिए कार्य कर रही है। मार्च माह में हरियाणा कला परिषद मुख्यालय को कुरुक्षेत्र में स्थानांतरण किया गया था, जिस दौरान कला कीर्ति भवन में अतुल्य भारत कार्यक्रम आयोजित करने की रुपरेखा तय की गई थी। किंतु कोविड के कारण कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो पाया। इसी दौरान कोरोना महामारी में कलाकारों को अपनी आजीविका जुटाने में संकट का सामना करना पड़ा है, जिसे ध्यान में रखते हुए कला परिषद द्वारा निकट भविष्य में खुला मंच कार्यक्रम आयोजित कर इस संकट को दूर किया जाएगा तथा अतुल्य भारत जैसा भव्य कार्यक्रम आयोजित कर कलाकारों को मंच दिया जाएगा। वहीं संजय भसीन ने कलाकारों का धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रदेश के कलाकार धैर्यवान है तथा अपनी प्रतिभा के माध्यम से समाज को सही राह पर लाने का कार्य निरंतर करते रहे हैं, ऐसे में कठिन परिस्थिति आने पर भी कलाकारों का हौंसला नहीं डगमगाया और प्रदेश की संस्कृति को बढावा देने के लिए सभी कलाकार अग्रसर हैं।