कांग्रेस की सरकार बनना तय, मेनिफेस्टो के एक-एक वादे को निभाएगी पार्टी- हुड्डा
कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट जुटाने में कांग्रेस सक्षम- हुड्डा
कांग्रेस ने बुढ़ापा पेंशन में कई गुणा की थी बढ़ोत्तरी, बीजेपी-जेजेपी ने दोगुना भी नही की- हुड्डा
एडेड स्कूल-कॉलेज के स्टाफ व मिड-डे-मील वर्कर्स को कई माह से नहीं मिल रहा वेतन- हुड्डा
खिलाड़ी राजनीति से ऊपर, सभी को करना चाहिए उनका समर्थन- हुड्डा
न्यूज डेक्स संवाददाता
रोहतक। कांग्रेस जो वादा करती है, उसे निश्चित तौर पर पूरा करती है। पार्टी मेनिफेस्टो में किया गया अपना एक-एक वादा निभाएगी। यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का। हुड्डा रोहतक में पत्रकारों के सवालों का जवाब दे रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता बीजेपी-जेजेपी की कुनीतियों से परेशान हो चुकी है। वह गठबंधन को हटाकर इसबार कांग्रेस की सरकार बनाने जा रही है।
कांग्रेस की तरफ से बुजुर्गों को ₹6000 पेंशन से लेकर गृहणियों को ₹500 में गैस सिलेंडर देने समेत तमाम वादों को पूरा किया जाएगा। कांग्रेस ने इससे पहले भी यह करके दिखाया है। तमाम कल्याणकारी योजनाओं के बावजूद कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हरियाणा विकास के हर पैमाने पर पूरे देश में नंबर वन था। 2005 में जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी थी तो बुढ़ापा पेंशन महज ₹200 थी, जिसे तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने कई गुणा बढ़ाया था। इसके उलट बीजेपी-जेजेपी सरकार 9 साल में बुढ़ापा पेंशन दोगुना भी नहीं कर पाई।
हुड्डा ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं के लिए बजट की व्यवस्था करना सरकार की जिम्मेदारी होती है। इसे निभाने में कांग्रेस पूरी तरह सक्षम है। खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर पूछे गए सवाल के जवाब में हुड्डा ने एक बार फिर उनके प्रति समर्थन जताया। उन्होंने कहा कि खिलाड़ी राजनीति से ऊपर हैं। सभी को उनका समर्थन करना चाहिए ताकि देश का नाम रोशन करने वाली बेटियों को न्याय मिल सके।
इस मौके पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने एडेड स्कूल-कॉलेजों का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि 6 महीने से इनके स्टॉफ व टीचर्स को तनख्वाह नहीं मिली है। इसी तरह मिड-डे मील वर्कर्स को भी कई महीने से मानदेय नहीं दिया गया। सरकार द्वारा उन्हें सड़क पर आने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह सरकार किसानों को एमएसपी देने में भी नाकाम साबित हुई है। इसबार 5450 रुपए एमएसपी वाली सरसों 4 हजार से भी कम के रेट पर बिकी है, क्योंकि सरकार द्वारा खरीद नहीं की गई।