कुरुक्षेत्र, 29 जुलाई। बुधवार को अग्रवाल वैश्य समाज हरियाणा की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार का संचालन कर रहे महासचिव राजेश सिंगला ने बताया किआगामी शिक्षा परि.दृश्य, चुनौतियां और संभावनाओं विषय पर आयोजित वेबीनार में शिक्षाविदों ने ऑनलाइन एजुकेशन के साथ प्रेक्टिकल एजुकेशन और स्किल्स पर जोर दिया गया। शिक्षाविदों का मानना है कि सिर्फ डिग्री लेकर व बिना स्किल के हमारे युवा रोजगार के काबिल नहीं बन सकते हैं। इस मौके पर उद्योगों और शिक्षण संस्थानों को मिलकर स्किल सेंटर शुरू करने का विचार भी वेबीनार में रखा गया। वेबीनार में चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी भिवानी के कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने कहा कि सरकार ने देश की 100 यूनिवर्सिटी को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने की अनुमति दी है। यह शिक्षा पद्धति में अच्छा कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि हमें ऑनलाइन के साथ प्रेक्टिकल शिक्षा लेनी भी जरूरी है। ऑनलाइन का फायदा यह भी है कि इससे शिक्षा सस्ती होगी। क्वालिटी की ऑनलाइन शिक्षा के लिए फैकल्टी को भी ट्रेंड किया जाएगा। उन्होंने कहा कि टीचिंग सिर्फ ऑनलाइन से ही नहीं, बल्कि अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से भी की जा सकती है। हम सबको डिजिटल शिक्षा के लिए खुद को तैयार कर लेना चाहिए। यह जरूरी है। प्रो. मित्तल ने कहा कि कोविड-19 के माहौल में ऑनलाइन शिक्षा एक माइल स्टोन बनकर सामने आ रही है। इसका विद्यार्थी लाभ ले रहे हैं। वेबीनार में जेसी बोस यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एवं टेक्नोलॉजी वाईएमएसी फरीदाबाद के कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि बदलते परिवेश के साथ हमें भी बदलना होगा और यह जरूरी भी है। ऑनलाइन का बड़ा फायदा यह हो गया है कि अब हम किसी भी देश-दुनिया के शिक्षाविद्, वैज्ञानिक को बिना अपने पास बुलाए, उनसे नॉलेज ले सकते हैं। वेबिनार के संयोजक व एडवोकेट अभय जैन ने जब सवाल किया कि ऑनलाइन से एमबीबीएस व अन्य कोर्सेज की शिक्षा कैसे पूरी हो सकती है तो इसके जवाब में प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि सब कुछ ऑनलाइन तरीके से संभव है, ऐसा वे भी नहीं मानते हैं। इस के लिए प्रैक्टिल की तरफ भी ध्यान देना होगा। क्योंकि विज्ञान जैसे विषय में अगर प्रैक्टिल पढ़ाई ना करवाई जाए तो यह क्राइम करने जैसा होगा। समाज के प्रदेशाध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने भी सवाल किया कि जो दाखिले यूनिवर्सिटी ने शुरू कर दिए हैं, वे एडिड कालेजों में कब से होंगे। विद्यार्थी इसे लेकर चिंतित हैं। जवाब में चौधरी बंसीलाल यूनिवर्सिटी भिवानी के कुलपति प्रो. आरके मित्तल ने कहा कि अभी कोई क्लीयर गाइडलाइंस नहीं आई हैं। इस पर मंथन चल रहा है। रजत के फीस पर सवाल का जवाब देते हुए प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि बेशक पढ़ाई ऑनलाइन हो रही है, लेकिन पढ़ा तो शिक्षक ही रहे हैं। यूनिवर्सिटी को उन्हें वेतन तो देना ही पड़ रहा है। आदर्श महिला कालेज भिवानी से प्रो.निशा शर्मा द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों पर पूछे गए सवाल के जवाब में प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि संस्थान वंचित, जरूरतमंद बच्चों को अपनी तरफ से गैजेट्स देकर सहायता कर सकते हैं। डा. सोनल गुप्ता के रिसर्च पर सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमारे देश में आईआईटी जैसे संस्थाओं को छोड़ दें तो रिसर्च नहीं होती। हमारे यहां की यूनिवर्सिटी रिसर्च के लिए मजबूत नहीं हैं। प्रदेशाध्यक्ष अशोक बुवानीवाला ने सुझाव दिया कि सब जानते हैं कि हमारे यहां पर स्किल की कमी है, तो फिर सभी शिक्षण संस्थान और इंडस्ट्री मिलकर क्यों न अपने क्षेत्र में युवाओं को स्किल्ड करने के लिए कोई शिक्षण संस्थान स्थापित करती। ऐसा होगा, तभी हम अपने हरियाणा में 75 प्रतिशत आरक्षण के सपने को पूरा कर सकते हैं। आदर्श महिला कालेज भिवानी की प्राचार्या डा. रजनी राघव ने कहा कि छात्र हैं तो हम हैं। शिक्षण संस्थान हैं। इसलिए उनके हितों की तरफ हम सबको देखना है। यूनिवर्सिटी के कुलपति वर्तमान समस्या को हर पहलू से सरकार के समक्ष रखें। क्योंकि इस बार छात्रों का ड्रॉप आउट बहुत होगा। लोग पलायन कर गए हैं। जवाब में प्रो. आरके मित्तल ने कहा कि इस बात को उच्चतर शिक्षा विभाग और सरकार तक पहुंचाया जाएगा। बहादुरगढ़ से श्रीनिवास गुप्ता व आरके गुप्ता ने बेरोजगारी, सफीदो से एडवोकेट एमपी जैन ने तकनीकी शिक्षा पर सवाल किए। महासचिव राजेश सिंगला ने संस्था के कार्यों का ब्यौरा दिया। छात्र अध्यक्ष वेद प्रकाश गर्ग ने धन्यवाद ज्ञापित किया अनेक शिक्षाविद्, छात्र व शिक्षण संस्थान के संचालकों ने भागीदारी की।
-आगामी शिक्षा परिदृश्य, चुनौतियां और संभावनाओं पर राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित,अग्रवाल वैश्य समाज द्वारा वेबीनार में हुई चर्चा रोजगार के लिए सिर्फ डिग्री नहीं स्किल भी जरूरी, शिक्षाविदों ने कहा मजबूरी के समय में ऑनलाइन एजुकेशन है जरूरी राष्ट्रीय वेबिनार में कुलपति प्रो. आर के मित्तल तथा कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने दिए टिप्स
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