Friday, November 22, 2024
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आज नहीं मिली बेल,तो वो बोले गुरु गया जेल, चेला चढ़ा रेल,आगे हम क्या जाने…

by Newz Dex
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अमर्यादित टिप्पणी कर बुरे फंसे अनूप गिरी,अब समाजसेवी ने दी शिकायत मामला दर्ज

अब बेल मिलेगी या अनूप गिरी को जाना होगा जेल,फैसला 13 मई को

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव ने लिया एक्शन

स्वामी हरिनारायण गिरी,श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के पूर्व कार्यवाहक महंत मनोज गिरी जी, अखाड़ा के थानापति चंद्रमोहन गिरी को भेजा कुरुक्षेत्र

फिलहाल मंदिर की व्यवस्था एवं पूजा अर्चना की जिम्मेदारी संभालने के लिए कुरुक्षेत्र भेजा है कुरुक्षेत्र

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र। महंत अनूप गिरी को आज अदालत से बेल नहीं मिली,अब नोटिस जारी कर 13 मई की तारीख निर्धारित की है। अपने दफ्तर में बैठे एक गणमान्य व्यक्ति पर हमले के आरोपी महंत अनूप गिरी इस मामले में नामजद होने के अलावा इस वारदात से एक दिन पहले सोशल मीडिया पर अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में अब बुरे फंस चुके हैं। उन्होंने न्यायाधीशों,शंकराचार्यों,गीता मनीषी,सांसद और विधायक और ब्राह्मण और सैनी समाज पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इस मामले में एक समाजसेवी नेलिखित में शिकायत दी है। जानकारी मिली है कि इस मामले में महंत अनूप गिरी बुरे फंस सकते हैं। शनिवार को अदालत उन्हें बेल देगी या भेजेगी जेल,इस पर निर्णय होना है। 

बता दें कि सोशल मीडिया पर स्वयं को भगवान नारायण बताते हुए समाज की प्रतिष्ठित हस्तियों के परिवार के बेटियों को उठाने की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने वाले महंत अनूप गिरी के खिलाफ ब्लाक समिति थानेसर की चेयरमैन के पति एवं सामाजिक कार्यकर्ता आचार्य पंडित राममेहर ने पुलिस को लिखित शिकायत दी है। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामलादर्ज कर लिया है। अनूप गिरी को आज पुलिस ने अदालत में पेश किया,अनूप गिरी के वकील ने माननीय अदालत में जमानत के अर्जी दी,जिस पर माननीय अदालत जमानत की अर्जी पर बहस के लिए नोटिस देते हुए 13 मई 2023 की तारीख निर्धारित की है। इसके बाद अनूप गिरी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। 

गौरतलब है कि अनूप गिरी के खिलाफ श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के पूर्व अध्यक्ष पंडित पवन शर्मा शास्त्री और आचार्य राममेहर की शिकायतों पर करीब एक दर्जन धाराओं में दो मामले दर्ज हुए हैं। इस मामले वीरवार को गिरफ्तार किए गए अनूप गिरी के बाद मंदिर की व्यवस्था हरिद्वार से भेजे गए तीन प्रतिनिधियों ने संभाली है,जबकि अनूप गिरी के सहायक एवं सेवादार भी मंदिर से गायब हो चुके हैं। हरिद्वार से कुरुक्षेत्र पहुंचे एक महंत से जब अनूप गिरी के सहायकों और शिष्यों के बारे में पूछा गया तो उनका टका सा जवाब था कि गुरु गया जेल में,चेले चढ़ गए रेल में,अब हम क्या जाने…। बताया जा रहा है कि नई व्यवस्था के साथ ही प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर में रह रहे अनूप गिरी के एक नजदीकी रिश्तेदार सहित अन्य लोग वहां से चले गए हैं। हालांकि महंत अनूप गिरी और उनके समर्थक अभी भी पहली व्यवस्था को कायम रखने के साथ महंत अनूप गिरी को ही महंत बता रहे हैं,लेकिन अगले दिनों में इसे लेकर स्थिति स्पष्ट होगी कि तमाम विवादों के बाद अब भी महंत अनूप गिरी ही रहेंगे या अखाड़ा महानिर्वाणी और महंत विजय गिरी महाराज द्वारा बनाई गई व्यवस्था के तहत मंदिर का संचालन होगा।

लक्ष्मी नारायण मंदिर के 2013 से 2018 तक व्यवस्थापक रहे स्वामी हरि नारायण गिरी के मुताबिक यह मंदिर श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के अंतर्गत है। इस समय अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंदर पुरी जी महानिर्वाणी अखाड़ा परिषद के सचिव हैं और मंदिर के संरक्षक एवं महंत 88 वर्षीय विजय गिरी महाराज हैं। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों से प्रबंधन का जिम्मा 2018 में अनूप गिरी को सौंपा था। कुछ माह पहले कुरुक्षेत्र में अनूप गिरी के एक विवाद के चलते महंत विजय गिरी ने उन्हे बेदखल कर दिया था।

वहीं 11 मई 2023 को अनूप गिरी द्वारा जारी आपत्तिजनक वीडियो और श्री ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के पूर्व अध्यक्ष पर हमला करने की घटना के बाद यह मामला हरिद्वार मंदिर के संरक्षक विजय गिरी जी के संज्ञान में आया था,जिसके बाद उन्होंने उन्हें (स्वामी हरिनारायण गिरी),श्री पंचायती अखाड़ा महा निर्वाणी के पूर्व कार्यवाहक महंत मनोज गिरी जी, अखाड़ा के थानापति चंद्रमोहन गिरी को मंदिर की व्यवस्था एवं पूजा अर्चना की जिम्मेदारी संभालने के लिए कुरुक्षेत्र जाने का आदेश दिया था।वर्तमान में चार्ज उनके पास है,आगामी व्यवस्था के लिए जल्द ही हरिद्वार से अखाड़े के मुख्य महंतों का जत्था कुरुक्षेत्र पहुंचेगा और व्यवस्था को अखाड़ा परंपरा के अनुसार जिम्मेदार हाथों में सौंपा जाएगा। हिंदू वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिनारायण गिरी के मुताबिक अनूप गिरी को महंत रविंदर पुरी जी ने तत्काल प्रभाव से हटाने (नामनेट) के आदेश दिए हैं।

महंत विजय गिरी ने शपथ पत्र में हल्फिया बयान दिया था कि प्रार्थी को 15 अगस्त 2002 को कुरुक्षेत्र के सन्निहित तीर्थ के तट पर स्थित प्राचीन लक्ष्मी नारायण मंदिर का महंत बनाया गया था। उनके मुताबिक सितंबर 2018 में अनूप गिरी को श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर का महंत नियुक्त किया था,लेकिन मंदिर की व्यवस्था व आमदन की निगरानी का हक अपने पास रखा था। महंत विजय गिरी ने शपथ पत्र में इसके इलाका लिखा है कि अनूप गिरी मंदिर की व्यवस्था सुचारु रुप से नहीं चला रहा है,ना ही मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को उचित सम्मान देता है।

महंत विजय गिरी ने अपने शपथ पत्र में अनूप गिरी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने साधू बाना छोड़ दिया है और गृहस्थी की तरह जीवन गुजार रहा है। वहीं सोशल मीडिया पर भी समाज व ईश्वर के बारे में बहुत गलत संदेश लोगों तक पहुंचाता है,जिससे मंदिर की प्रतिष्ठा को नुकसान हो रहा है। इसकी वजह से जिस प्रक्रिया से अनूप गिरी को महंत बनाया गया था,उसको उचित न्यायालय में दावा डाल कर रद्द कराएंगे व अन्य जो भी आवश्यक हुआ वह कानूनी कार्रवाई अनूप गिरी को बेदखल के लिए करेंगे। शपथ पत्र में कहा गया है कि 2018 में जिस चादर समारोह के तहत अनूप गिरी को जो महंत बनाया गया था उससे रद्द करता हूं। अब वह ना तो खिदमत गुजार है और ना ही मैनेजर है। काबिले गौर है 24 फरवरी 2023 को यह शपथ पत्र महंत विजय गिरी द्वारा दिया गया था।

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