न्यूज डेक्स संवाददाता
कुरुक्षेत्र,29जुलाई। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) कुरुक्षेत्र में ‘स्मार्ट ग्रिड: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ संचालन और नियोजन’ विषय पर पांच दिवसीय अल्पावधि पाठ्यक्रम का शुभारंभ बुधवार को संस्थान में ऑनलाइन किया गया। इस अल्पावधि पाठ्यक्रम का शुभारंभ हैदराबाद के टेक्नोलॉजी सेंटर से सीनियर लीड आर. एंड डी. एप्लीकेशन इंजीनियर डॉ. बालकृष्ण पी. द्वारा किया गया। इस दौरान संस्थान के निदेशक पद्मश्री डॉ. सतीश कुमार, डॉ. अखिलेश स्वरूप, (डीन योजना व विकास), विद्युत अभियांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एल.एम. सैनी, डॉ. के.एस. संधू , डॉ. लिली दीवान, डॉ. रतना दहिया, डॉ. अश्वनी कुमार, डॉ. सतहंस, डॉ. आत्मा राम गुप्ता, डॉ.अमित कुमार एवं अन्य शिक्षकगण ऑनलाइन उपस्थित थे। अल्पावधि पाठ्यक्रम के शुभारम्भ के अवसर पर संस्थान के निदेशक पद्मश्री डॉ. सतीश कुमार ने नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग के बारे में अपना विचार प्रस्तुत करते हुए स्मार्ट ग्रिड के बारे में अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारियां सांझा की। साथ ही उन्होंने चार महत्वपूर्ण मुद्दों जैसे की ऊर्जा सुरक्षा, ऊर्जा सामथ्र्य, ऊर्जा स्थिरता और अक्षय ऊर्जा और जलवायु परिवर्तन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी।
इस पांच दिवसीय कार्यशाला में स्मार्ट ग्रिड के मुद्दे जैसे की स्मार्ट ग्रिड धारणा, विस्तृत क्षेत्र माप, नियंत्रण, अनुप्रयोग, अक्षय ऊर्जा एकीकरण, अक्षय ऊर्जा के साथ स्मार्ट ग्रिड योजना, स्मार्ट ग्रिड सुरक्षा, स्मार्ट पैमाइश पूर्वानुमान, ट्रांस सिस्टम सुरक्षा और सौर ऊर्जा आदि के बारे में विस्तृत जानकारिया साँझा की जाएंगी। पांच दिनों तक चलने वाले इस अल्पावधि पाठ्यक्रम का आयोजन संस्थान के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग द्वारा टीईक्यूआईपी-3 के महत्वपूर्ण योगदान से किया जा रहा है। जिसके संयोजक डॉ अश्वनी कुमार, डॉ. आत्मा राम गुप्ता एवं डॉ. अमित कुमार हैं । इस अल्पावधि पाठ्यक्रम में देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों व विश्वविद्यालयों के शिक्षकों, औद्योगिक प्रतिभागियों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागीयों को स्मार्ट ग्रिड: नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के साथ संचालन और नियोजन से अवगत करवाना है। पांच दिनों तक चलने वाले इस अल्पावधि पाठ्यक्रम के दौरान औद्योगिक, आईआईटी, एन.आई.टी. के विशेष विशेषज्ञों द्वारा अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए जायेंगे। इस अल्पावधि पाठ्यक्रम में सिद्धांत के साथ-साथ प्रयोगात्मक शिक्षा पर भी विशेष ध्यान दिया गया है