Friday, November 22, 2024
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ब्रह्मपुत्र पर 7 धार्मिक स्‍थलों को जोड़ने के लिए ‘नदी तट धार्मिक पर्यटन सर्किट’ के लिए समझौता

by Newz Dex
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सर्किट में ब्रह्मपुत्र के तट पर सात ऐतिहासिक मंदिरों – कामाख्या, पांडुनाथ, अश्वकलांता, डौल गोविंदा, उमानंद, चक्रेश्वर और औनियाती सतरा को जोड़ने का प्रस्ताव

30 मिनट के अंतराल पर हॉप ऑन हॉप ऑफ फेरी की निर्बाध सेवा

आईडब्‍ल्‍यूएआई, एसडीसीएल, एटीडीसी और डीआईडब्‍ल्‍यूटी के बीच समझौता ज्ञापन,  45 करोड़ रुपये के निवेश किया जाएगा

असम के मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए

न्यूज डेक्स इंडिया

दिल्ली। असम में नदी तट धार्मिक पर्यटन सर्किट के विकास के लिए गुवाहाटी में भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्‍ल्‍यूएआई), सागरमाला विकास निगम लिमिटेड (एसडीसीएल), असम पर्यटन विकास निगम (एटीडीसी) और अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन विभाग (डीआईडब्‍ल्‍यूटी), असम सरकार के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।  असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा और केंद्रीय केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग और आयुष मंत्री सर्वदानंद सोनोवाल ने इस ऐतिहासिक हस्ताक्षर समारोह के साक्षी बने। इससे असम में नदी पर्यटन क्षेत्र में एक नए अध्याय का शुभारंभ होगा। 

यह समझौता ज्ञापन गुवाहाटी के आसपास सात ऐतिहासिक धार्मिक स्थलों के बीच ‘हॉप ऑन हॉप ऑफ’ पर आधुनिक नौका सेवा की सुविधा प्रदान करेगा और प्रसिद्ध सात धार्मिक स्‍थलों कामाख्या, पांडुनाथ, अश्वकलांता, डौल गोविंदा, उमानंद, चक्रेश्वर और औनियाती सतरा को कवर किया जाएगा। फेरी टर्मिनल पर यात्रियों के लिए प्रतीक्षालय में आरामदायक माहौल के आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

इस परियोजना पर 45 करोड़ रुपये की लागत आएगी और यह एक साल के भीतर पूरी हो जाएगी। ये सेवा हनुमान घाट, उजान बाजार से आरंभ होगी और सातों धार्मिक स्‍थलों को 2 घंटे से भी कम समय में पूरा करेगी। सागरमाला विकास निगम लिमिटेड (एसडीसीएल) और भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्‍ल्‍यूएआई) संयुक्त रूप से परियोजना लागत के 55 प्रतिशत का योगदान देंगे जबकि शेष असम पर्यटन विकास निगम (एटीडीसी) द्वारा प्रदान किया जाएगा। अंतर्देशीय जलमार्ग परिवहन विभाग (डीआईडब्ल्यूटी) ने परियोजना के लिए मंदिरों के पास घाटों का नि:शुल्‍क उपयोग करने की सहमति दी है।

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