पूर्वोत्तर की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस से पर्यटन और कनेक्टिविटी को बढावा मिलेगा”
पिछले 9 वर्ष में न्यू इंडिया के निर्माण की अभूतपूर्व उपलब्धियां रहीं
“भारतीय रेलवे गति के साथ-साथ लोगों के दिलों, समाज और अवसरों को जोड़ने का माध्यम बनी”
न्यूज़ डेक्स इंडिया
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से असम की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस को झंडी दिखाकर रवाना किया। वंदे भारत एक्सप्रेस गुवाहाटी को न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ेगी और इस यात्रा में 5 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा। प्रधानमंत्री ने नए विद्युतीकृत खंड के 182 किलोमीटर मार्ग को समर्पित किया और असम के लुमडिंग में एक नवनिर्मित डेमू/मेमू शेड का उद्घाटन भी किया।
उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्वोत्तर की कनेक्टिविटी के लिए आज का दिन विशिष्ट है क्योंकि तीन विकास कार्य एक साथ संपन्न हुए हैं। प्रधानमंत्री ने बताया कि आज पूर्वोत्तर को अपनी पहली वंदे भारत एक्सप्रेस मिल रही है, यह तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस है जो पश्चिम बंगाल को जोड़ती है। दूसरे, असम और मेघालय में लगभग 425 किलोमीटर रेल पटरियों का विद्युतीकरण किया गया है। और तीसरी बात, असम के लुमडिंग में एक नए डेमू/मेमू शेड का उद्घाटन किया गया है। प्रधानमंत्री ने इस शुभ अवसर पर असम, मेघालय और पश्चिम बंगाल के साथ संपूर्ण पूर्वोत्तर के नागरिकों को शुभकामनाएं दीं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि गुवाहाटी-न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत रेलगाड़ी से असम और पश्चिम बंगाल के बीच सदियों पुराने संबंध और सुदृढ़ होंगे। इससे यात्रा में सुविधा होगी और छात्र लाभान्वित होंगे तथा पर्यटन और व्यवसाय से नौकरी के अवसरों में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि वंदे भारत एक्सप्रेस से मां कामाख्या मंदिर, काजीरंगा, मानस राष्ट्रीय उद्यान और पोबितोरा वन्यजीव अभयारण्य एक दूसरे से जुडेंगे। प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि इससे शिलांग, मेघालय में चेरापूंजी और अरुणाचल प्रदेश में तवांग तथा पासीघाट में यात्रा और पर्यटन में वृद्धि होगी।
प्रधानमंत्री ने सेवा भावना के साथ काम करने के उदाहरण स्वरूप पूर्वोत्तर में रेल संपर्क की सुविधा को प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि यह कनेक्टिविटी सरकार की कार्यशीलता की गति, कार्य के मापदंड और इच्छा शक्ति का प्रमाण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि औपनिवेशिक काल में भी असम, त्रिपुरा और बंगाल रेलवे से जुड़े हुए थे, चाहे इसका कारण इस क्षेत्र के समृद्ध प्राकृतिक संसाधनों की लूट था। स्वाधीनता के पश्चात भी पूर्वोत्तर क्षेत्र में रेल के विस्तार पर ध्यान नहीं दिया गया और आखिरकार 2014 के बाद वर्तमान सरकार ने इस पर ध्यान दिया।
प्रधानमंत्री ने विकास की गति को श्रेय देते हुए कहा कि इस कारण पूर्वोत्तर के दूरदराज के इलाके रेलवे से जुड़ गए। उन्होंने बताया कि नागालैंड को लगभग 100 वर्षों के बाद अपना दूसरा रेलवे स्टेशन मिला है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वंदे भारत सेमी हाई-स्पीड रेलगाड़ी और तेजस एक्सप्रेस उसी मार्ग पर चल रही हैं जहां कभी धीमी गति से चलने वाली एक छोटी गेज लाइन थी। उन्होंने पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने भारतीय रेलवे के विस्टा डोम कोच का भी उल्लेख किया।