Sunday, November 24, 2024
Home Kurukshetra News राइट टू रिकाल पहले लागू किया जाए विधायकों व सांसदों पर : अशोक अरोड़ा

राइट टू रिकाल पहले लागू किया जाए विधायकों व सांसदों पर : अशोक अरोड़ा

by Newz Dex
0 comment

पंचायती राज संस्थाओं पर राइट-टू-रिकाल लागू होने से गांव में बढ़ेगी पार्टी बाजी

जहरीली शराब कांड की जांच करवाई जाए सीबीआई से : अरोड़ा

न्यूज डेक्स संवाददाता

कुरुक्षेत्र, 8 नवंबर। हरियाणा के पूर्व मंत्री व कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक अरोड़ा ने राइट टू रिकाल बिल पर प्रदेश की भाजपा-जजपा सरकार को घेरते हुए कहा है कि भाजपा की शुरु से ही मंशा रही है कि लोग कैसे लडें। ये लोग कभी धर्म के नाम पर कभी जाति के नाम पर लोगों को लड़वाने का कार्य करते हैं। राइट टू रिकॉल बिल भी गांवों में लोगों को लड़वाने बिल है। बिल के माध्यम से पंचायतों में लडाई करवाएंगें और लोगों को एक दूसरे से बुरा बनाने का काम करेंगें। हर गांव में कई उम्मीदवार चुनाव लडते हैं ऐसे में काफी लोग विरोध में भी होते हैं। कई बार तो बहुकोणीय मुकाबले में 30 प्रतिशत वोट लेने वाला भी सरपंच बन जाता है।

उन्होने कहा कि यह बिल पंचायती राज व्यवस्था को कमजोर करने की नीयत से लाया गया है, जबकि स्व. राजीव गांधी ने अपने प्रधानमंत्री काल में पंचायती राज व्यवस्था को मजबूत करने का काम किया था। उन्होने आरोप लगाया कि भाजपा फूट डालो और राज करने की नीति पर चलती है। कहीं धर्म के नाम पर झगड़े करवाए जाते हैं तो कभी 35 व 36 जाति का नारा देकर लोगों को लड़वाने का काम किया। अब इस बिल से गांव में पार्टी बाजी बढ़ेगी और विकास कार्य ठप्प जाएंगें।

अशोक अरोड़ा ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं में रिकाल बिल लाने से पहले सांसदों और विधायकों के लिए रिकाल का कानून बनाना चाहिए। आज हरियाणा में हालात यह हैं कि इस प्रकार का रिकाल बनते ही अनेक भाजपा व जजपा के विधायकों को रिकाल कर दिया जाएगा। अरोड़ा ने कहा कि गत विधानसभा चुनाव में भाजपा लगभग 35 प्रतिशत वोट लेकर सत्ता में आई थी 65 प्रतिशत लोगों ने तो भाजपा के खिलाफ वोट दिया था।

पूर्व मंत्री अरोड़ा ने पालिकाओं, नगर परिषदों व नगर निगमों के सीधे चुनाव द्वारा निर्वाचित चेयरमैनों के खिलाफ पार्षदों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान करने की भी कडी निंदा करते हुए कहा कि पहले सरकार ने यह कहते हुए प्रत्यक्ष चुनाव करवाने का कानून बनाया था कि अप्रत्यक्ष चुनाव में पार्षदों की खरीद फरोख्त होती है। लेकिन अब सरकार ने पार्षदों को अविश्वास का अधिकार देकर इस खरीद फरोख्त को बढ़ाने का काम किया है। इसका ताजा उदाहरण जाखल मंडी में नगर पालिका की चेयरपर्सन के ससुर द्वारा आत्महत्या किया जाना है। जिसने आत्महत्या से पूर्व सुसाईड नोट में पार्षदों पर पैसे ऐंठने का आरोप लगाया था।

अरोड़ा ने कहा कि सरकार का लोकतंत्र में कोई विश्वास नही है। सरकार के इस कानून के बनने से पार्षदों की बोलियां लगेंगी। इतना ही नही जिन पालिकाओं, नगरपरिषदों व नगर निगमों में विपक्षी दलों के चेयरमैन निर्वाचित होंगें वहां पर सरकार पार्षदों की खरीद फरोख्त करके उन चेयरमैंनों को हटवाने का काम करेगी। उन्होने कहा कि गठबंधन सरकार सत्ता की सारी शक्तियां अपने हाथ में रखना चाहती है जबकि लोकतंत्र में सत्ता का विकें्रदीकरण जरूरी है।

अरोड़ा ने कहा कि बेरोजागारी के मामले में हरियाणा प्रदेश नंबर एक में पहुंच गया है। बेरोजगार युवक नशे के धंधे मेें लिप्त हो रहे हैं। प्रदेश मेंं जहरीली शराब से दर्जनों लोग मारे गए। उन्होंने कहा कि जहरीली शराब कांड की जांच हाईकोर्ट के सीटींग जज या सीबीआई से करवाई जाए ताकि ऐसे लोगों का चेहरा बेनकाब हो सके जो सत्ता में बैठकर इन मौत के सौदागरों को सरंक्षण दे रहे हैं।

You may also like

Leave a Comment

NewZdex is an online platform to read new , National and international news will be avavible at news portal

Edtior's Picks

Latest Articles

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00