दक्षिण ब्राह्मण सामुदाय की हैं कमला हैरिस की माता श्यामला गोपालन,मगर शादी की ब्लैक क्रिश्चियन डोनाल्ड हैरिस से
स्वतंत्रता सेनानी पीवी गोपालन की पुत्री श्यामला गोपालन का हुआ था इसी मंदिर में जन्म
कमला हैरिस को ननिहाल से विरासत में मिला आंदोलन का जज्बा
नाना पीवी गोपालन ने कट्टर हिंदु ब्राह्मण और रुढ़ीवादी सोच से परे बेटी श्यामला के निर्णय का किया था समर्थन
शरद सिंह भाटी/न्यूज डेक्स संवाददाता
हैदराबाद,8 नवंबर। दुनिया के सबसे पुराने लोकतांत्रित देश अमेरिका के इतिहास में पहली महिला उपराष्ट्रपति बनीं कमला हैरिस का तमिलनाडु के एक गांव के मंदिर से इतना गहरा नाता क्यों है,इसका जवाब तमिलनाडु के जिला तिरुवूरुर में के छोटे से गांव पिंगनाडु आकर मिल जाता है। यह गांव चैन्नई से करीब सवा 300 किलोमीटर दूर है। कहा जाता है इसी मंदिर में कमला हैरिस की माता श्यामला गोपालन का जन्म दक्षिण ब्राह्मण परिवार के स्वतंत्रता सेनानी पीवी गोपालन के घर हुआ था। यानी आंदोलन और परिवर्तन से उनका और उनके ननिहाल का पुराना नाता है।
कमला हैरिस की नानी भी उस दौर की कम्यूनिटी एक्टिविस्ट रही हैं। यही कारण रहा कि कमला हैरिस की माता श्यामला गोपालन ने जब ब्राह्मण सामुदाय की जगह ब्लैक क्रिश्चियन डोनाल्ड हैरिस से विवाह की जानकारी अपने माता पिता को दी थी,तब इस परिवार ने कट्टर ब्राह्मणवादी और रुढ़ीवादी सोच से परे अपनी बेटी के निर्णय पर सहमति प्रदान की थी।
इन बातों की जानकारी कमला हैरिस की पुस्तक और विभिन्न रिपोर्ट्स में मिलती है। इन रिपोर्ट के अलावा उप राष्ट्रपति बनने के बाद के संबोधन तक कमला हैरिस ने यह साफ किया है कि उनके ऊपर मां श्यामला गोपालन और ननिहाल और भारतीय संस्कृति का प्रभाव ज्यादा है। कमला हैरिस ने यूएस प्रेसीडेंशियल चुनाव में जो इतिहास रचा है,उसको लेकर उनके बारे में जानने की उत्सुकता और लोकप्रियता पूरी दुनिया में बढ़ी है और लगातार उन्हें सर्च किया है जा रहा है। कमला हैरिस द्वारा अमेरिकी चुनाव में इतिहास रचने के बाद भारत से नाता और अपनी मां के संघर्ष के प्रति भावनात्मक संदेश से वह सुर्खियों में हैं।
श्यामला गोपालन ने 19 साल की आयु में दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की थी,जिसके बाद कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से इंडोक्रोनोलॉजी में डॉक्टरेट की। पचास के दशक में अमेरिका के सिविल राइट के दौरान श्यामला गोपालन की भी सक्रिय भूमिका रहीं थीं और इसी बीच उनकी भेंट डोनाल्ड हैरिस से हुई थी। हैरिस जमैका से अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट करने आए थे,मगर यहां अमेरिकी आंदोलन से जुड़ गये। इस आंदोलन के दौरान इनकी मुलाकात शादी के बंधन तक पहुंची और कमला हैरिस के जन्म के करीब सात साल बाद श्यामला और डोनाल्ड हैरिस का तालाक हो गया था।
2009 में श्यामला हैरिस का निधन हो चुका है। उनके संघर्ष की कहानी को कमला हैरिस अपनी पुस्तक में कलमबद्ध कर चुकी है। अब अमेरिका की पहली उपराष्ट्रपति बनने तक का श्रेय वह अपनी माता के संघर्ष को ही दे रहीं है। दिल्ली और भारत के दूसरे हिस्सों में बसे कमला हैरिस के ननिहाल के रिश्ते नातेदार इस उपलब्धि पर गर्व महसूस करते हैं,उनके ननिहाल के मंदिर में आज विशेष पूजा भी रखी गई।