कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘टाबर उत्सव’ बन रहा है अनूठी पहल
न्यूज़ डेक्स संवाददाता
रेवाड़ी । हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग व शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वाधान में स्कूल स्तर के 5वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों के लिए 30 जून तक 30 दिवसीय ग्रीष्मकालीन शिविर ‘टाबर उत्सव-2023’ का आयोजन राज्य के 22 जिलों के 22 सरकारी विद्यालयों में किया जा रहा है। जिसमें प्रात: 9 से दोपहर 12 बजे तक विद्यार्थियों को आधुनिक मूर्तिशिल्प क्ले मॉडलिंग, रिलीफ एवं 3डी स्कल्पचर आर्ट में हरियाणवी संस्कृति पर आधारित प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने जानकारी देते हुए बताया कि टाबर उत्सव अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश खुल्लर, महानिदेशक डा.अमित अग्रवाल, शिक्षा विभाग के निदेशक डा. अंशज सिंह के मार्गदर्शन में कला एवं सांस्कृतिक अधिकारी (मूर्तिकला) हृदय प्रकाश कौशल तथा कार्यक्रम अधिकारी (कल्चर) पूनम अहलावत की देखरेख में किया जा रहा है। रेवाड़ी जिला में इस उत्सव का आयोजन राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में किया जा रहा है। इस ग्रीष्मकालीन शिविर ‘टाबर उत्सव’ का उद्देश्य हरियाणा राज्य के होनहार छात्र-छात्राओं को मूर्ति शिल्प कला में अपनी प्रतिभा निखारने व राज्य में लुप्त हो रही मूर्तिकला के विकास के उद्देश्य के साथ-साथ राज्य में होनहार कलाकारों को मार्गदर्शन देने के लिए सरकारी स्कूल स्तर के विद्यार्थियों को कला के क्षेत्र में तकनीकी दृष्टिकोण प्रयोगात्मक अभ्यास के साथ लर्निंग बाय डूइंग प्रोसेस के माध्यम से मूर्ति शिल्प व क्राफ्ट की सौंदर्यात्मक एवं विभिन्न माध्यमों में तकनीकी प्रशिक्षण भी मिलेगा।
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान छात्र-छात्राओं का रचनात्मक/कलात्मक विकास होगा। साथ ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बालक-बालिकाओं को एक स्थान पर एकत्रित कर उस क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में प्रशिक्षण हॉबी क्लासेस के रूप में विद्यार्थियों को मूर्तिकला का नि:शुल्क प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इससे सभी विद्यार्थी भविष्य में कला प्रतियोगिताओं में बढ़-चढक़र भाग लेने के साथ राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की मूर्तिशिल्प प्रतियोगिताओं के बारे में भी जानेंगे। इस शिविर में विभाग द्वारा हरियाणा राज्य के विभिन्न जिलों से नियुक्त किए गए कलाकारों एवं सहकलाकारों द्वारा हर्ष एवं उत्साह के साथ सभी विद्यार्थियों को मूर्तिकला विधा में प्रयोग होने वाली सामग्री जैसे क्ले, पीओपी (अन्य माध्यम) व सामग्री आदि से लघु मूर्तिशिल्पों को बना कर रंगों से हुनर भी सिखाए जाएंगे। जिससे भविष्य में उनको मूर्तिकला क्षेत्र में शिक्षा के साथ मूर्तिकला के क्षेत्र में प्रतियोगिता, रोजगार एवं मूर्तिकला के क्षेत्र में कैरियर बनाने का भी ज्ञान मिलेगा। राज्य में कला संस्कृति तथा मूर्तिकला के उत्थान संरक्षण, संवर्धन एवं विकास हेतु कला को निखार कर कैरियर बना पाएंगे। हरियाणा राज्य में आधुनिक मूर्तिकला के प्रचार-प्रसार हेतु यह शिविर अत्यंत सार्थक सिद्ध होगा।