डॉ. प्रदीप गोयल/ न्यूज डेक्स संवाददाता
शाहाबाद। सूरजमुखी की एमएसपी पर सरकारी खरीद शुरू करवाने को लेकर किसानों ने मंगलवार को नेशनल हाईवे को जाम कर दिया। पुलिस के बार-बार अल्टीमेटम के बावजूद किसानों ने जाम नहीं खोला जिस पर पुलिस ने लगभग साढ़े 6 घंटे के बाद वाटर कैनन और हल्के बल का प्रयोग करते हुए मात्र 15 मिनट में ही जीटी रोड को खाली करवा दिया। किसानों ने दी थी पहले ही चेतावनी। 2 दिन पहले किसानों ने बराड़ा रोड पर हुई पंचायत में सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि यदि 6 जून तक सूरजमुखी की सरकारी खरीद एमएसपी पर शुरू नहीं हुई तो है करो या मरो की स्थिति में जीटी रोड को जाम कर देंगे। किसानों की चेतावनी के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किए गए थे। मौके पर वज्र वाहन भी बुलाया गया था। भारी संख्या में किसान मंगलवार तड़के ही उधम सिंह मेमोरियल हॉल में एकत्रित होना शुरू हो गए थे।
मौके पर डीसी और एसपी सहित अनेक प्रशासनिक अधिकारी भी उपस्थित थे। जब एमएसपी पर खरीद की बात नहीं बनी तो दोपहर लगभग 2 बजे किसानों ने पुलिस प्रबंधों को धता बताते हुए जीटी रोड जाम कर दिया। किसानों ने बड़ी चतुराई से पुलिस को चकमा दिया और लिंक रोड के साथ ढलान के ऊपर से चढ़ते हुए जीटी रोड पर पहुंच गए और पुलिस देखती रह गई। पुलिस ने सांय लगभग 6 बजे किसानों को जीटी रोड से हटने के लिए 15 मिनट का अल्टीमेटम दिया। लेकिन किसान टस से मस नहीं हुए। इसी बीच किसानों व प्रशासन की बातचीत चलती रही। लगभग 7:45 बजे पुलिस ने किसानों को हाई कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया और 5 मिनट में जीटी रोड खोलने की चेतावनी दी। लेकिन भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने उनकी चेतावनी को ठुकराते हुए सभी किसानों को एकजुट होने का आह्वान किया। लेकिन पुलिस ने वाटर कैनन और हल्के बल का प्रयोग करते हुए मात्र 15 मिनट में ही जीटी रोड को खाली करवा दिया।सरकार एमएसपी की बजाय भावांतर पर करना चाहती है सूरजमुखी की खरीद।
हालांकि सरकार ने 1 जून से 6400 रुपए प्रति कुंटल के हिसाब से एमएसपी पर सूरजमुखी खरीदने के आदेश दिए थे। लेकिन ऐन मौके पर सरकार पीछे हट गई और 3 जून से ₹1000 कुंटल भावांतर का लाभ किसानों को देने की बात कही। लेकिन सूरजमुखी का बाजार भाव ₹4000 से ₹4200 प्रति कुंटल होने के कारण किसानों को भावांतर में बेचने से भारी नुकसान उठाना पड़ रहा था। जिस पर सरकार ने हैफेड द्वारा किसानों को कमर्शियल रेट 4800 रुपए प्रति क्विंटल और भावांतर योजना के तहत 1 हजार रुपए प्रति क्विंटल भावांतर भाव देने की घोषणा की। लेकिन किसानों के अनुसार इस भाव में बेचने पर भी किसानों को 600 से लेकर ₹800 प्रति कुंटल तक का नुकसान उठाना पड़ रहा था और साथ ही भावांतर की रकम को मिलने में भी उन्होंने संदेह व्यक्त किया था। जिस कारण किसान आंदोलन पर उतारू थे।
दीपेंद्र हुड्डा बोले अंग्रेजी साम्राज्य की यादें ताजा करता है यह लाठीचार्ज
सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कुरुक्षेत्र के शाहबाद में किसानों पर हुए लाठीचार्ज की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि आज के लाठीचार्ज ने अंग्रेजी साम्राज्य द्वारा लाला लाजपत राय पर किये गए लाठीचार्ज की याद ताज़ा दी। उन्होंने कहा कि सूरजमुखी की MSP पर खरीद की जायज मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों को हरियाणा की किसान विरोधी सरकार ने एक बार फिर लाठियों से पीटकर अपने तानाशाही रवैये का परिचय दिया है। ये सरकार आखिर कब तक अन्नदाता का लहू बहाती रहेगी ?
दीपेंद्र हुड्डा ने सवाल किया कि देश का जो किसान 130 करोड़ लोगों का पेट भरता है उसके साथ ऐसा शत्रुतापूर्ण व्यवहार क्यों किया जा रहा है? ये कहां का न्याय है कि किसान से सूरजमुखी औने-पौने दामों में खरीदी जाए और उपभोक्ताओं को उसका तेल महंगे दामों पर बेचा जाए। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने मांग करी कि सभी किसान व किसान संगठनों से जुड़े नेताओं को रिहा किया जाए और तुरंत प्रभाव से MSP पर सूरजमुखी की खरीद शुरू की जाए। उन्होंने सत्ता के नशे में चूर भाजपा को चेतावनी देते हुए कहा कि किसान लाठी की चोट का बदला अगले चुनाव में वोट की चोट से लेगा।