सत्तारूढ़ गठबंधन में जुबानी घमासान का कांग्रेस नेत्री ने कर दिया शक्ति संतुलन,कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पर उकलाना में बोल गईं सैलजा
भाजपा-जजपा प्रदेश दिग्गजों के जुबानी फायर में कांग्रेस को ज्यादा देर खुशी नहीं मिली,क्योंकि वहां इस तरह के हालात का पुराना शगल
हरियाणा की राजनीति के ट्रेजडी किंग को भाजपा प्रभारी बिप्लब के बोल से मिला बल
राजेश शांडिल्य
चंडीगढ़। तुम तो ठहरे परदेसी,साथ क्या निभाओगे, सुबह पहली गाड़ी से घर को लौट जाओगे, क्यों खिंचे खिंचे हुए रहते हो,ध्यान किसका है
ज़रा बताओ तो, ये इम्तिहान किसका है… त्रिपुरा के दसवें मुख्यमंत्री रहे बिप्लव कुमार देब के लब से निकले बोल पर जजपा के गलियारों में करीब तीन दशक पहले आए अल्ताफ राजा के गीत की यह पंक्तियां तैर रही हैं। ठीक वैसे जैसे 2019 में सत्ता की मंजिल पाने की आस में भाजपा और जजपा बीच मझदार में गोते खाते हुए हाथ मिला बैठे थे और आखिरकार एक दूसरे का सहारा बना हरियाणा में सत्ता की चाबी संभाल कर गद्दीनशीन हुए थे।
जाहिर है कि हरियाणा के विधानसभा चुनाव-2019 में भाजपा और जजपा एक दूसरे के खिलाफ चुनावी रण में उतरे थे।तब भाजपा का नारा था 75 पार और जजपा बोल रही यमुना पार…,लिहाजा दोनों नारे सरस्वती में डूबते डूबते एक दूसरे के लिए तिनके का सहारा बने। आखिरकार डूबते को तिनके का सहारा पुरानी कहावत है और 75 पार की खुमारी छोड़,यमुना पार वालों से गठबंधन का रास्ता चुना। तब तमाम गिले शिकवे भूल दोनों और से आवाज आई थी, यह गठबंधन कर डाला तो लाइफ झिंगालाला। खैर भाजपा-जजपा का गठबंधन सत्ता की वैतरणी पार कर 2023 के अधर में आ चुका है,मगर विधानसभा चुनाव-2024 से पहले दोनों ओर से जो जुबानी फायर किए जा रहे हैं, वे गठबंधन को लठबंधन की ओर बढ़ने का संकेत देते दिख रहे है। इसका अंदाजा दोनों ओर से समय समय पर बाहर आते रहे तल्ख बयानों के बाद हलचल से लगाया जा सकता है।
भले इस तरह के बयानों के बाद दोनों ओर से यह भी कहा जाता रहा हो कि यह भाजपा-जजपा के गठबंधन का मजबूत जोड़ है,टूटेगा नहीं..मगर रिश्तों में कड़वाहट की हवा को देख कई राजनीति पंडित तरह तरह के दावे करने लगते हैं।बहरहाल तरोताजा उदाहरण हरियाणा में भाजपा के प्रभारी बिप्लव देव और डिप्टी सीएम दुष्यंत के बयान का है। भाजपा और जजपा नेताओं के ये बोल बचन अचानक वर्तमान में अलताफ राजा के चर्चित गीत की पंक्तियों के अंग संग दिख रहे हैं। दरअसल भाजपा प्रभारी बिप्लब कुमार देब ने कहा है कि जजपा ने भाजपा को समर्थन देकर अहसान नहीं किया, निर्दलीय भी साथ दे रहे हैं। इस बयान के बाद कड़े इम्तिहान की घड़ी डिप्टी सीएम के लिए कही जा सकती है,क्योंकि भाजपा प्रभारी ने स्पष्ट कर दिया है कि उचाना कलां से प्रदेश की राजनीति के ट्रेजडी किंग कहे जाने वाले वीरेंद्र सिंह की धर्मपत्नी प्रेमलता को अगला विधायक बनना है। बता दें कि 2019 में जब जजपा नेता दुष्यंत चौटाला ने उचाना कलां के चुनावी मैदान में उतर कर ताल ठोकी थी,उसके चुनावी नतीजे घोषित होने पर वे बड़े विजेता के रुप में उभरे थे। तब दुष्यंत चौटाला ने भाजपा प्रत्याशी प्रेमलता (विधायक 2014 से 2019) को 47 हजार 452 वोट के बड़े अंतर से पराजित किया था। दुष्यंत चौटाला को जहां 92 हजार 504 वोट मिले थे,वहीं तब निवर्तमान विधायक प्रेमलता को सिर्फ 45 हजार 052 वोट हासिल हुए थे।
वहीं जजपा प्रदेशाध्यक्ष निशान सिंह कह रहे हैं कि बिप्लब कुमार देब जी की दीदी यानी प्रेमलता जी चुनाव लड़े या कोई ओर,गठबंधन रहे या ना रहे,दुष्यंत चौटाला उचाना विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे।बिप्लब के बयान के बाद जजपा के एक और बड़े नेता डा.केसी बांगड़ वह भी भाजपा नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र सिंह पर वार किए बिना नहीं रहे,उन्होंने कहा कि दुष्यंत की जीत का दर्द बीरेंद्र परिवार को सता रहा है। डिप्टी सीएम भी इसी तरह के दर्द की बात कहते हुए उचाना से ही चुनाव लड़ने की हुंकार दे चुके हैं। भले पार्टी लाइन से परे जाकर भाजपा नेता वीरेंद्र सिंह कई बार मुखर हो चुके हों,मगर इसके बावजूद भाजपा उन्हें किस रणनीति के तहत साइड लाइन करने के मूड में नहीं है,यह बात सियासी पंडित भी भली प्रकार से जानते हैं। खैर, बशीर बद्र की दो पंक्तियां कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं कोई बेवफ़ा नहीं होता…इन हालात में जजपा की ओर से भाजपा पर टिक रही हैं।
भाजपा–जजपा के गठबंधन में लठबंधन जैसे हालात पैदा होना कांग्रेसी कुनबे को ज्यादा देर तक रास नहीं आया,क्योंकि उनके यहां इस तरह के हालात होना पुराना शगल है। बिप्लब कुमार देब,दुष्यंत चौटाला,जजपा नेता निशान सिंह और डा.केसी बांगड़ के बयानों के बाद मची हलचल से कांग्रेसी कुनबे में कुछ क्षण के लिए खुशी की लहर आई थी,मगर उकलाना में कांग्रेस नेत्री कुमारी सैलजा ने जो बयान दिया,वह कांग्रेस संगठन में मचे घमासान का ही प्रतीक है। दरअसल सैलजा ने हरियाणा कांग्रेस कमेटी के प्रदेशाध्यक्ष उदयभान पर वार किया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की परंपरानुसार पार्टी प्रदेशाध्यक्ष हाईकमान की बात मानते हैं और हरियाणा में कांग्रेस की ओर से सीएम इन वेटिंग कौन होगा यह हाईकमान तय करेगी,लेकिन इसके बावजूद उदयभान पता नहीं कैसे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को सीएम बनाने की बात कर रहे हैं। वहीं अपनी पार्टी की राष्ट्रीय स्तर की नेत्री सैलजा के इस बयान के बाद उदयभान ने भी दो टूक कहा है कि हुड्डा हरियाणा की जनता की आवाज है।